यूएई की राजधानी अबू-धाबी में पहला हिन्दू मंदिर का उद्घाटन हुआ है. इस मंदिर का नाम बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था हिन्दू मंदिर है. इस मंदिर को पुरानी वास्तुकला के विधियों के प्रयोग से बनाया गया है.
इस मंदिर को भूकंप की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बड़े तकनीक वाले 300 से ज्यादा सेंसर लगाए गए हैं. राम मंदिर की तरह ये मंदिर भी शक्तिशाली भूकंप से हिल नहीं सकता.
इस मंदिर में राम-सीता, लक्ष्मण, हनुमान, गणेश,शिव-पार्वती, कार्तिकेय, राधा-कृष्ण, भगवान जगन्नाथ वेंकेटेश्वर अयप्पा की प्रतिमाएं हैं.
पीएम मोदी ने 14 फरवरी 2024 को बोचासनवासी अक्षर पुरुषोतम स्वामीनारायण संस्था (BPAS) मंदिर का उद्धाटन किया. संयुक्त अरब अमीरात में लगभग 35 लाख भारतीय है. भारतीय खाड़ी में कार्यबल का हिस्सा हैं. इस मंदिर को 1 मार्च से जनता के लिए खोल दिया जाएगा.
अयोध्या राम मंदिर की तरह इसके निर्माण में सरिया का इस्तेमाल नहीं किया गया है. मंदिर को बनाने में पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है. इन पत्थरों की उम्र 1000 साल बताई जाती है.
दुबई में तीन और हिंदू मंदिर है. खाड़ी देश यह वास्तुशिल्प और नक्काशी में सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर होगा.
अबूधाबी में हिंदू मंदिर का निर्माण कार्य 2019 से चल रहा है. संयुक्त अरब अमीरात ने मंदिर के लिए जमीन दान में दी. मंदिर की आधारशिला पीएम मोदी ने 2017 में रखी थी.
मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना से लाया गया पवित्र जल बह रहा है. इस जल को बड़े-बड़े कंटेनर से लाया गया है. मंदिर के जिस तरफ गंगा का जल बहता है. वहां घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है.
यूएई की राजधानी अबू धाबी में अल वाकबा की जगह ये मंदिर बना है. अल वाकबा अबू धाबी से तकरीबन 30 मिनट दूर है. यूएई का पहला हिंदू मंदिर 2023 में बना था. 1997 में बीएपीएस संस्था के तत्कालीन प्रमुख स्वामी महाराज ने इसकी नींव रखी थी.
ये हिन्दू मंदिर अबू धाबी में अल रहबा के निकट बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था ने बनवाया है. 27 एकड़ में और 108 फुट ऊंचा यह मंदिर है.
मंदिर निर्माण के लिए 700 से अधिक कंटेनर में हजारों टन पवित्र पत्थर भारत से लाए गए हैं. इन पत्थरों पर मूर्तिकार ने नक्काशी की है. इसके बाद कालाकारों ने डिजाइन को अंतिम रूप दिया.इसमें राजस्थान से लाया दो घन फुट पत्थर लगा है.