इस रोड की कुल लंबाई 1857 किलोमीटर है. पूर्व से पश्चिम तक इसकी लंबाई करीब 945 किलोमीटर और उत्तर से दक्षिण तक यह 912 किलोमीटर के दायरे में फैली है.
करीब 240 किलोमीटर की रोड बहराइच, श्रावस्ती व बलरामपुर सीमा से भी होकर गुजरेगी. इस सड़क पर बीते महीने काम शुरू हो चुका है.
जिस रोड को टू लेन बनाया गया था, युसे अब चौड़ा किये जाने को लेकर तैयारी की जा रही है. नेपाल नेशनल हाईवे निदेशालय की ओर से इसको लेकर पत्र भी जारी किया गया है. जिसमें इसे अगले साल तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.
इस प्रोजेक्ट से नेपाल के मधेश क्षेत्र को तो फायदा मिलेगा ही साथ ही भारतीय एरिया के उन जिलों को फायदा होगा जिनसे अभी नेपाल के मध्य गेटवे न होने के चलते व्यापारिक संबंध नहीं हैं.
इस हाईवे निर्माण को पूरा करने के लिए 950 किलोमीटर ब्लैक टॉपिंग का काम पूरा हो चुका है. केवल 500 किलोमीटर ब्लैक टॉपिंग का काम होना बाकी है.
बता दें कि इस परियोजना में कुल 250 पुल का निर्माण होना है. जानकारी के मुताबिक अभी तक कुल 135 पुल बनकर तैयार हो चुके हैं जबकि 50 पुलों के निर्माण का काम चल रहा है.
इस मेगा प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके निर्माण में करीब 46.28 अरब की लागत आएगी. जिसमें 6.28 अरब का अनुदान भारत सरकार देगी.
इस परियोजना से भारतीय क्षेत्र के उन जिलों को भी फायदा होगा जिनसे अभी नेपाल के मध्य गेटवे न होने की वजह से व्यापारिक संबंध नहीं हैं. यहां से नेपाल के बीच कृषि, व्यापार, उद्योग और पर्यटन में इजाफा हो सकता है.
बता दें कि इसके अलावा 1372 किलोमीटर की सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. जिसमें करीब 500 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़ा है. जबकि सड़क का 729 किलोमीटर का हिस्सा बिहार में हैं.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. जी यूपीयूके इसकी पुष्टि नहीं करता.