जामा मस्जिद सर्वे रोकने आई भीड़ ने कई कार और बाइक को आग के हवाले कर दिया. कई वाहन जलकर खाक हो गए. डीआईजी भी मौके पर पहुंच गए हैं.
बताया गया कि पुलिस और प्रशासनिक अफसर भीड़ को समझाने की कोशिश कर रहे थे, तभी एक गली से अचानक हजारों की संख्या में भीड़ आ गई.
देखते ही देखते भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया. भीड़ इतने पर भी नहीं रुकी. इस दौरान पुलिस पर फायरिंग भी कर दी गई. गोली लगने से एक अज्ञात की मौत हो गई. दो और की मौत भी हो गई है.
बवाल का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. इसमें एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई उपद्रवियों को समझा रहे हैं. बावजूद छतों से पत्थर फेंके जा रहे थे. सड़क पर हजारों पत्थर पड़े होने की तस्वीरें भी सामने आईं.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्थरबाजी करने वालों पर कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं. डीजीपी प्रशांत कुमार पूरी घटना पर नजर रखे हुए हैं.
बवाल में कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पूरे इलाके में चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है. पीएसी की तीन कंपनी भी तैनात है.
हालांकि, बवाल के बीच जामा मस्जिद के अंदर सुबह 7:30 बजे से लगभग दो घंटे तक सर्वे चला. कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में टीम ने मस्जिद के विभिन्न हिस्सों का निरीक्षण किया.
कोर्ट कमिश्नर सर्वे रिपोर्ट 29 नवंबर तक कोर्ट के समक्ष पेश करेंगे. हिंदू पक्ष की ओर से मस्जिद को मंदिर होने का दावा करने के बाद कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया है.
वहीं, इतने पीछे बवाल के पीछे साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है. सवाल उठता है कि आखिर सुबह 6 बजे अचानक एक हजार लोग कहां से एकत्रित हो गए?.
इतना ही नहीं सड़कों पर पड़े ईंट पत्थर देखकर पुलिस हैरान है कि आखिर छतों से फेंके गए पत्थर इतनी संख्या में कहां से आ गए. पहले से ही साजिश रची गई होगी.