गर्मियों के मौसम में फलों के राजा आम के बाद अगर किसी दूसरे फल की सबसे ज्यादा डिमांड होती है तो वो है तरबूज. करीब 90 प्रतिशत तक पानी की मात्रा रखने वाला तरबूज चिलचिलाती गर्मी में स्वाद तो लगता ही है साथ ही पानी की कमी भी पूरी करता है.
ज्यादातर लोग यही मानते हैं कि लाल तरबूज ही मीठा तरबूज होता है लेकिन पिछले कुछ समय से वैज्ञानिकों ने पीले रंग के तरबूज की किस्म भी तैयार कर ली हैं.
बचपन से लाल तरबूज खाने वाले एक तरफ जहां पीले तरबूज को देखकर हैरान हैं तो वहीं यह पीले रंग का तरबूज इन दिनों इंटरनेट पर भी अपने विभिन्न प्रकार के फायदों के लिए छाया हुआ है.
जानकारी के मुताबिक तरबूज की खेती सबसे पहले अफ्रीका में हुई थी. हजारों साल पहले अफ्रीका में ही इसके बीज मिले थे, जबकि भारत में इस फल को लाने का श्रेय मुगल बादशाहों को जाता है.
स्वाद की बात करें तो पीला तरबूज भी लाल तरबूज की तरह मीठा होता है. बस इसका रंग ही पीला है लेकिन इसे खाने में लाल से भी ज्यादा मजा आता है.
पीला तरबूज खाने की बात करें तो यह तरबूज लाल तरबूज के मुकाबले सेहत और स्वास्थ्य के लिए दोगुना फायदेमंद होता है. यानी पीला है तो कुछ खास है.
लाल तरबूज में लाइकोपीन नाम का केमिकल बहुत महत्वपूर्ण है. इसी की वजह से इसका रंग लाल होता है लेकिन पीले तरबूज में यह नहीं पाया जाता है.
पीला तरबूज लाल के मुकाबले ज्यादा मीठा होता है. खाने में इसके स्वाद की तुलना शहद से की जा सकती है. जो एक बार पीला तरबूज खाता है यह उसके मुंह लग जाता है.
पीले तरबूज में एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं यानी पीला तरबूज खाने से कोशिकाओं की मरम्मत होती रहती है, क्योंकि एंटीऑक्सिडेंट कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को रोकते हैं.
पीले तरबूज में विटामिन A और C की अच्छी मात्रा पाई जाती है. पीले तरबूज में लाल से ज्यादा बीटा कैरोटीन पाया जाता है. बीटा कैरोटीन कैंसर से बचाता है और आंखों के लिए लाभदायक होता है.
बीटाकैरोटीन नारंगी और पीले रंग की सब्जियों में पाया जाता है. इसमें कैलरी कम होती है. यानी अगर आपको वजन कम या नियंत्रित करना चाहते हैं तो आप अपनी डाइट में पीला तरबूज शामिल कर सकते हैं.
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