Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी गैंगस्टर एक्ट को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि निर्दोष व्यक्तियों पर गैंगस्टर लगाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. कहा ऋग्वेद, बाइबिल और कुरान भी निर्दोष लोगों के दमन और उत्पीड़न पर रोक लगाते हैं.
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मो.गुफरान/प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में गैंगस्टर एक्ट से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान बड़ी टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने गैंगस्टर प्रक्रिया का पालन किए बगैर गैंगचार्ट तैयार करने पर नाराज़गी जताई है. कोर्ट ने कहा कि यूपी में गैंगस्टर अधीनियम 2021 के निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं हो रहा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को चिंता जताते हुए उत्पीड़न पर रोक लगाने पर जोर दिया है. साथ ही कहा कि इस तरह की कार्रवाई बड़े पाप के समान है.महोबा के अब्दुल लतीफ समेत 5 अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते समय हाईकोर्ट ने टिप्पणी की.
प्रावधानों का उल्लेख नहीं होने पर हाईकोर्ट की नाराज़गी
कोर्ट ने कहा कि सरकार के अधिकारी कई मामलों में बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए गैंगस्टर अधिनियम लागू कर देते हैं. हाईकोर्ट ने गैंग चार्ट की स्वीकृति देते समय हस्ताक्षर न होना, तारीख का उल्लेख न होना और प्राथमिकी दर्ज करने के समय प्राविधानों का उल्लेख नहीं होने पर नाराज़गी जाहिर की. हाईकोर्ट ने कहा गैंगस्टर मामलों में गैंग चार्ट की स्वीकृति के समय अधिकारी न्यायिक विवेक का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. कहा यूपी में गैंगस्टर अधीनियम 2021 के निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं हो रहा है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह अधिकारियों को प्रशिक्षण या क्रैश कोर्स के लिए भेजे ताकि वे निर्देशों के अनुसार गैंग चार्ट तैयार करना सीख सकें.
धार्मिक ग्रंथों का दिया हवाला
हाईकोर्ट ने आधिकारियों को गैंग चार्ट तैयार करने के लिए प्रशिक्षण या फिर क्रैश कोर्स कराने का हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने अलग अलग धर्मों के ग्रंथों का भी हवाला दिया. कोर्ट ने धार्मिक ग्रंथों का हवाला देते हुए गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई पर कहा कि निर्दोष व्यक्तियों पर गैंगस्टर लगाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. कहा ऋग्वेद, बाइबिल और कुरान भी निर्दोष लोगों के दमन और उत्पीड़न पर रोक लगाते हैं. हाईकोर्ट ने कहा हमारी न्याय व्यवस्था में भी निर्दोष की रक्षा और दोषियों के दंडित करने की प्रक्रियाएं निर्धारित हैं. हाईकोर्ट ने कहा संविधान कितना भी अच्छा क्यूं न हो, अगर उसे लागू करने वाले लोग अच्छे नहीं हैं तो वह बुरा ही साबित होगा.हाईकोर्ट ने सभी पांचों याचिकाओं को स्वीकारते हुए गैंगस्टर की सभी कार्यवाही को रद्द कर दिया.
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