Ganga Expressway update: गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार किया जाएगा. इसे यूपी के दो बड़े एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा. इससे प्रदेश के सभी जिलों को हाईस्पीड नेटवर्क मिलेगा.
उत्तर प्रदेश कैबिनटे बैठक में गंगा एक्सप्रेस के एक्सटेंशन को मंजूरी मिली है. यह (प्रयागराज से मिर्जापुर-भदोही-वाराणसी-चंदौली-गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा. शुरुआत में यह छह लेन में तैयार हो रहा है. इस एक्सप्रेस-वे को आगे जरूरत पड़ने पर बढ़ाकर आठ लेन का किया जा सकता है.
इसके अलावा चित्रकूट से प्रयागराज को कनेक्ट किया जाएगा. इसको लेकर गंगा एक्सप्रेस वे को बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से जोड़ने के प्रस्ताव को यूपी कैबिनेट ने हरी झंडी दिखाई है. इससे रोड कनेक्टिविटी और बेहतर होने वाली है.
गंगा एक्सप्रेसवे के बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ने से वेस्ट यूपी से पूर्वांचल और बुंदलेखंड को हाईस्पीड नेटवर्क मिलेगा. यानी आने वाले समय में यहां की कनेक्टिविटी बेहतर होने वाली है बल्कि क्षेत्र के विकास को भी पंख लगेंगे.
इसके अलावा वाराणसी से चंदौली से सोनभद्र को जोड़ा जाएगा. इसे प्रयागराज-विंध्य-काशी एक्सप्रेस वे के रूप में जाना जाएगा. इससे पूर्वांचल को हाईस्पीड नेटवर्क मिलेगा. एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चलाई जा सकती है.
इसके अलावा गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा. इसके लिए फर्रुखाबाद में एक लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा. अभी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पकड़ने के लिए लखनऊ शहर के अंदर से होकर जाना पड़ता है. इसमें समय भी अधिक लगता है और जाम की समस्या भी बढ़ती है.
गंगा एक्सप्रेस-वे का पहले चरण में निर्माण मेरठ से प्रयागराज के बीच किया जा रहा है, जो करीब 594 किलोमीटर लंबा है. एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद मेरठ से प्रयागराज तक 6 घंटें में सफर को पूरा कर सकेंगे.
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ के बाद प्रयागराज में पूरा होगा. यहां के कुल 518 गांव से यह गुजरेगा.
गंगा एक्सप्रेसवे के पहले चरण का काम आखिरी चरण में है. रूट के कई जिलों में इंटरचेंजिंग और ओवरब्रिज का काम चल रहा है. जो आखिरी चरण में है. पहले गंगा एक्सप्रेसवे को महाकुंभ से पहले शुरू करने की तैयारी थी.
दूसरे चरण में यह 5 और जिलों से जुड़ेगा. जिसमें मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी और गाजीपुर, बलिया शामिल हैं. गंगा एक्सप्रेसवे का दूसरा चरम 350 किलोमीटर का होगा. दूसरे चरण में निर्माण के बाद यह सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बन जाएगा.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.