मेरठ से प्रयागराज का सफर अब सड़क मार्ग से जल्द ही 8 घंटे में पूरा हो सकेगा. गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण बस पूरा होने वाला है. इस एक्सप्रेसवे पर वाहन 120 की स्पीड से फर्राटा भरते हुए संगम नगरी पहुंच सकेंगे तो वहीं मेरठ से प्रयागराज के बीच यह 12 जिलों को जोड़ेगा, यानी 12 जिलों की भी लॉटरी लगने वाली है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रयागराज से जोड़ने वाला गंगा एक्सप्रेसवे लगभग तैयार है. मेरठ से प्रयागराज की 594 किलोमीटर की दूरी अब सिर्फ 8 घंटे में तय होगी, जो पहले 11 घंटे लगती थी.
मेरठ के बिजौली से शुरू होने वाले इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरी रफ्तार से चल रहा है. जिला प्रशासन इसकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है, ताकि इसे तय समय पर जनता के लिए खोल दिया जाए.
यह एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक जाएगा. इससे पश्चिमी और पूर्वी यूपी के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी.
गंगा एक्सप्रेसवे के साथ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी विकसित किया जाएगा. इससे आसपास के इलाकों में रोजगार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
इस एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी बनाई जा रही है. यह भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेक-ऑफ के लिए इस्तेमाल होगी.
गंगा एक्सप्रेसवे के तहत गंगा और रामगंगा नदियों पर बड़े पुल बनाए जा रहे हैं. ये पुल एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी को और अधिक मजबूत बनाएंगे.
एक्सप्रेसवे पर वाहन 120 किमी/घंटा की अधिकतम रफ्तार से दौड़ सकेंगे. यात्रियों की सुविधा के लिए 18 फ्लाईओवर और 8 रोड ओवर ब्रिज भी बनाए जा रहे हैं.
मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा होंगे. इसके अलावा, 12 स्थानों पर अतिरिक्त रैंप टोल प्लाजा बनाए जा रहे हैं, जिससे यातायात और सुविधाजनक होगा.
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) कर रहा है. माना जा रहा है कि ये एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
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