राम मंदिर का निर्माण अपने अपने अंतिम पड़ाव में है. जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री प्रभु श्री राम के मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा में सम्मलित होने के लिए अयोध्या पहुंचेगे, लेकिन मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या कितना बदलेगा. अयोध्या शहर में कितना बदलाव देखने को मिलेगा. वहां कितने लोगों के लिए सरकार रोजगार सृजन कर पाएगी. इन तमाम सवालों का जब हम जबाब ढूंढने का प्रयास कर रहे थे. तब हमने क्या पाया आइए आपको बताते हैं.
तमाम अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में पर्यटन कारोबार तेज उछाल मारेगा. काशी, मथुरा और आगरा की तरह अरबों रुपये की आय जिले को होगी. इससे हजारों रोजगार भी सृजित होंगे.
मंदिर को सर्विस इंडस्ट्री की तरह देखे, आज के समय मे देश की प्रमुख 15 मंदिरों का सालाना आय 2500 करोड़ तक अनुमानित की जाती है.
भारतवर्ष में कई शहर तो श्रद्धालुओं के बलबूते पर फलफूल रहे है. इसमें ना सिर्फ हिंदू धर्म के मंदिर शामिल है बल्कि मुस्लिम धर्म की दरगाह वाले शहर भी शामिल है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने के बाद दर्शनार्थिनों की संख्या बढ़ेगी.
लोगों के मन में तो सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न मंदिर बनने से क्या होगा, इस सवाल का जवाब यह है कि अयोध्या की गरीबी दूर होगी. रोजगार मिलेगा, आर्थिक विकास होगा, हैपिनेस इंडेक्स दुरूस्त होगा.
दुनिया सिर्फ समृद्धि नहीं चाहती बल्कि खुश रहना भी चाहती है. इसलिए मंदिरों में ध्यान और योग सिर्फ सामान्य आदमी नहीं बल्कि दुनिया के धनी लोग भी करते हैं. एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स ने उत्तराखण्जड के मंदिर में काफी समय बिताए है.
भगवान वेंकेटेश्वर का मंदिर प्रबंधन देखने वाला तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् ट्रस्ट 3 अस्पताल 8 विश्वविद्यालय व कालेज का संचालन करता है. तीर्थयात्रियों के लिए बस सेवायें, भोजन और आवास सहित कई विभिन्न प्रकार की सेवाएं देता है.
जब अयोध्या में इतने बड़े तर्ज पर मंदिर का निर्माण हो रहा है. तब बड़ें संख्या में श्रद्धालु भी आएंगे तो उनके लिए अच्छी होटल, खाना खाने के लिए अच्छे रेस्तरा, चलने के लिए कैब, शानदार रोड़, फूल माला इत्यादि जैसे कार्य करने से रोजगार का सृजन तो होगा.
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से वहां एयरपोर्ट रोड़ों की जाल बिछाई जा रही है. शानदार होटल और वहां के घाटों का कायाकल्प हो रहा है. राम मंदिर के अलावा पूरे अयोध्या परिक्षेत्र में रामायण से जुड़े ऋषी मुनियों और अन्य भगवानों का भी मंदिर बन रहा है.
जब से बनारस में विश्वनाथ कॉरिडोर बना है. तभी से बनारस भारत का सबसे बड़ा टूरिस्ट प्लेस बना हुआ है. भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर के शिव भक्त बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आ रहे हैं.
मथुरा का भी कायाकल्प करने के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है. श्री कृष्ण जन्मभूमि को भी नई तरीके से पुन: निर्माण कर उसे वैश्विक स्तर पर आस्था को अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं.
बनारस विन्धयाचल के बाद अब राज्य की योगी सरकार मथुरा में बांके बिहारी कॉरिडोर बनाने वाली है. अभी 21 नवंबर को इलाहाबाद हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कॉरिडोर बनाने के पक्ष में फैसला सुनाकर सरकार का रास्ता साफ कर दिया है. बनारस के बाद अब मथुरा में सरकार विश्व स्तरीय कॉरिडोर बनाकर इस मंदिर का भी कायाकल्प करना चाहती है.