भगवान राम का नाम और दिवाली आए तो सबसे पहले अयोध्या का नाम सबसे ऊपर आता है. यह शहर 14 साल के वनवास के बाद राम, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण की वापसी का प्रतिनिधित्व करता है. भगवान राम की नगरी अयोध्या में दिवाली के दिन विश्व के हर कोने पर्यटक पहुंचते हैं।
यहां हर साल, सरयू नदी के तट पर सैकड़ों दीये जलाए जाते हैं. इसके साथ-साथ रामायण के विषयों को दर्शाती हुई झांकियां भी निकाली जाती हैं. इस साल यहां की दिवाली और भी खास होने वाली है क्योंकि राम लला के विराजमान होने के बाद, यह अयोध्या की पहली दिवाली होगी.
अयोध्या के बाद वाराणसी की बात करते हैं. शिव की नगर काशी में दिवाली की धूम भी खूब होती है. यहां दिवाली के अवसर पर पूरे हफ्ते जश्न मनाया जाता है. अयोध्या में सरयू नदी के किनारे दीये जलाए जाते हैं, तो वाराणसी में भी गंगा नदी के किनारे में लाखों की संख्या में दीये जलाए जाते हैं. यहां दिवाली पर रातभर बाजार सजे रहते हैं, पटाखे जलाए जाते हैं.
दिवाली के मौके पर काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट और मणिकर्णिका घाट पर लाखों दीपक जलाए जाते हैं. दीये की रोशनी से पूरा शहर जगमगा उठता है. इस शहर को अपने ऑल ओवर द वर्ल्ड फेमस दशाश्वमेध घाट के लिए जाना जाता है. ऐसा कहते हैं, यहां आने वाले सैलानियों ने अगर गंगा आरती नहीं देखी, तो फिर क्या देखा. वाराणसी में आप स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड्स का भी लुत्फ उठा सकते हैं.
ऋषिकेश की खूबसूरती दिवाली के दिन देखने लायक होती है. हर साल दिवाली मनाने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं. ऋषिकेश में गंगा घाट के किनारे बैठकर दिवाली की खूबसूरती को देख सकते हैं.
ऋषिकेश के साथ-साथ लोग दिवाली के मौके पर हरिद्वार जाकर गंगा में डुबकी भी लेते हैं. दिवाली के मौके पर त्रिवेणी घाट से लेकर लक्ष्मण झूला और राम झूला को दीये से सजा दिया जाता है.
कार्तिक पूर्णिमा को मनाए जाने वाले इस त्योहार पर मथुरा-वृंदावन के घाटों पर दीपक जलाए जाते हैं. दीपावली पर मौनियां व्रत रखते हैं और गौ चराते हैं.
मथुरा और वृंदावन में दिवाली का त्योहार एक हफ़्ते तक चलता है और हर दिन का अपना महत्व होता है. दूर-दूर से लोग यहां पर आते हैं.
दिवाली के मौके पर आप भारत की अन्य प्रसिद्ध धार्मिक जगहों पर भी पहुंच सकते हैं. जैसे-उत्तराखंड स्थित हरिद्वार, मध्य प्रदेश में ओंकारेश्वर और राजस्थान के उदयपुर और जयपुर में भी ये त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. उदयपुर के लोग आसमान में लालटेन और आतिशबाजी करते हैं, यहां के अलग-अलग पैलेस में दिवाली के कई रंगीन और भव्य उत्सव आयोजित किए जाते हैं