Kanpur Tapeshwari Mandir: कानपुर में एक ऐसा मंदिर है जो रामायण काल से जुड़ा है. भगवान राम के बेटे लव कुश से इसकी कहानी जुड़ी है. तपेश्वरी मंदिर काफी पुराना है. इस मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से आकर मां की ज्योति जलाता है, उनकी पूजा करता है, माता उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. ये मंदिर रहस्यों से भरा हुआ है.
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Shardiya Navratri 2024: आज, 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुके हैं.मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है. चारों ओर माता के जयकारे लग रहे हैं. हम आपको यूपी के कानपुर के ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो रामायण काल के इतिहास से जुड़ा हुआ है.कानपुर के बिराहना रोड स्थित तपेश्वरी मंदिर ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में श्रद्धालुओं को एक साथ चार देवियों के दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है. हम बात कर रहे हैं तपेश्वरी मंदिर की. ऐसा कहा जाता है कि यहां पर अगर निसंतान महिलाएं आती हैं तो उनकी सूनी गोद भर जाती है. ये वो जगह है जहां पर माता सीता ने अपने बेटों लव और कुश का मुंडन कराया था. कानपुर के बिराहना रोड स्थित तपेश्वरी मंदिर ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है. आइए जानते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में..
जानें मंदिर का इतिहास
तपेश्वरी मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ बताया जाता है. स्थानीय पुजारियों और लोगों के मुताबिक यहां पर मां सीता ने तपस्या की थी. ये भी कहा जाता है कि इसी तपेश्वरी मंदिर में माता सीता ने लव और कुश का मुंडन कराया था. ये भी किवदंति है कि माता सीता बिठुर से यहां पर आकर तप किया करती थीं. आम दिनों में भी यहां भक्तों का आना लगा रहता है पर नवरात्रि में यहां पर भारी भीड़ उमड़ती है.
क्यों खास है तपेश्वरी मंदिर
इस मंदिर को लेकर एक विशेष मान्यता है कि जिन भी दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति नहीं होती है, वह अगर तपेश्वरी मंदिर में स्थापित चारों देवियों के दर्शन कर अपनी मनोकामना मांगते हैं और सच्चे मन से मां को शीश नभाते हैं तो उनकी मुराद पूरी होती है. महिला की गोद भर जाती है, ऐसा कहना है स्थानीय लोगों का. जो भी भक्त यहां पर आकर सच्चे मन से माता रानी की पूजा और आराधना करता है, उसकी माता रानी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
चार देवियां एक साथ विराजमान
तपेश्वरी मंदिर में एक साथ चार देवियां विराजमान हैं. मान्यता है कि मां सीता कानपुर के बिठूर में ठहरती थीं. भगवान राम को पाने के लिए वह तपेश्वरी मंदिर में जाकर तपस्या किया करती थीं. मां सीता के साथ तीन अन्य महिलाएं कमला, विमला और सरस्वती भी तप करती थीं. इसी कारण इस मंदिर का नाम तपेश्वरी पड़ा. मंदिर में जो चार देवियां विराजमान हैं, वह कमला, विमला, सरस्वती और मां सीता हैं. आज भी यह रहस्य कि इन चारों मूर्तियों में से कौन सी मां सीता हैं.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं,वास्तुशास्त्र पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.