Uterus Cysts: एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर दूसरी महिला कुपोषण का शिकार है. शरीर में पोषण की कमी से होने वाले रोगों में गर्भाशय के रोग भी शामिल हैं. भारत में गर्भाशय से जुड़े रोग होना आम बात हो गई है. जानें क्या है ये खतरनाक बीमारी?...
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Uterus Cysts: आजकल की जीवनशैली के कारण महिलाओं में गर्भाशय से जुडी बीमारियां बहुत आम हो गयी हैं. इन में से महिलाएं सबसे ज्यादा जिस समस्या का सामना करती हैं वो है बच्चेदानी में गांठ या रसौली. इस कारण महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती या फिर बार बार गर्भपात हो जाता है.
रसौली या गांठ बच्चेदानी के अंदर होने वाला एक तरह का ट्यूमर है. रसौली को सिस्ट या यूट्राइन फाइब्रॉएड कहा जाता है. इसका सीधा असर महिला के प्रजनन स्वास्थय पर पड़ता है.गर्भाशय में गांठ बनना कैंसर और बांझपन का भी कारण बन सकता है. साल 2010 में हुए एक शोध के अनुसार, 10 से 30 फीसदी महिलाओं को बच्चेदानी में रसौली के कारण प्रेगनेंसी के दौरान मुश्किलें आती हैं. सबसे पहले जानें बच्चेदानी में गाँठ के क्यों होती है.
कई बार गर्भाशय में रसौली बनना अनुवांशिक होता है. यानि यह समस्या मां और बुआ को रही हो तो आगे की पीढ़ी को होने का खतरा बना रहता है. खान पान पर ध्यान न देने और असंतुलित खाना खाने से भी बच्चेदानी में ट्यूमर बन सकता है. आज के समय में मोटापा भी अनेक बिमारियों की जड़ है. महिलाओं में मोटापे के कारण गर्भाशय की रसौली बनने की समस्या हो जाती है.गर्भावस्था में बच्चेदानी में गांठ बनना बहुत आम है. इसलिए महिलाओं को खान पान और वजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
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गर्भाशय में सिस्ट या गांठ होने का कई बार कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देता और केवल अल्ट्रासाउंड में ही यह बीमारी पकड़ में आती है. लेकिन कुछ महिलाओं में गांठ होने के लक्षण स्पष्ट दिखाई देते हैं. ये हैं रसौली होने के लक्षण.
पीरियड्स यानि माहवारी के दौरान सामान्य से ज्यादा खून बहना
माहवारी शुरू होने से कुछ दिन पहले ही खून के धब्बे गिरना
पेट और कमर के निचले हिस्से में दर्द रहना
पैरों में दर्द रहना
शारीरिक सम्बन्ध बनाते समय दर्द होना
थकान और कमजोरी महसूस होना
कब्ज की समस्या
बार-बार पेशाब आना
खून की कमी होना
पैरों में दर्द रहना
जब भी किसी महिला को ये सभी लक्षण महसूस हों तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए. अल्ट्रासाउंड के बाद पता चल जाएगा कि बच्चेदानी में गांठ हैं या नहीं. गांठ होने पर आगे का इलाज करवाएं.
रसौली के कारण मां बनने में क्यों आती है परेशानी
बच्चेदानी में रसौली की वजह से गर्भाशय में भ्रूण के लिए जगह कम बचती है जिससे बच्चेदानी में शिशु का विकास नहीं हो पाता. शिशु को जरूरी पोषण और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है जिससे वह गर्भ में नहीं टिक पाता और गर्भपात हो जाता है. कई बार गांठ के कारण अंडा ही इतना विकसित नहीं हो पाता कि वह भ्रूण बन सके और बांझपन की समस्या हो जाती है.
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