Junk Food Craving in Periods Side Effects: आज जानेंगे कि आपकी खराब लाइफस्टाइल और डाइट कैसे आपकी पीरियड्स और उस दौरान होने वाली क्रेविंग से संबंधित है.
जंक फ़ूड में भरपूर मात्रा में कैलोरी, अनहेल्दी फैट, चीनी के साथ ही नमक भी काफी ज्यादा होता है. पोषक तत्व भी कम पाए जाते हैं. ये चिप्स, क्रैकर्स, कुकीज़, फ़ास्ट फ़ूड व सोडा वाले ड्रिंक जैसे मीठे पेय फास्ट फूड हो सकते हैं.
फास्ट फूड को बहुत ज्यादा खाना यह स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम तो डाल सकता है लेकिन बहुत ज़्यादा जंक फ़ूड खाने का बहुत बड़ा असर मेंस्ट्रुअल साइकिल पर बी पड़ सकता है. इस बारे में आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
जंक फूड हेल्थ के लिए बहुत बुरा होता है. लेकिन यह आपके मासिक धर्म पर भी खतरनाक रूप से प्रभाव डाल सकता है. बहुत ज़्यादा जंक फ़ूड खाने से वज़न बढ़ने का खतरा होता जिससे कई और समस्याएं हो सकती हैं. डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम यानी PCOS एक ऐसी ही स्थिति है जो ओवुलेशन असर डालती है. बांझपन से लेकर टाइप 2 डायबिटीज़ और दिल संबंधी बीमारी जैसी कई दिक्कतें हो सकती है. आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
एंड्रोजन के हाई लेवल को भी जंक फ़ूड बढ़ता है. जो मेंस्ट्रुअल साइकिल में भी दिक्कत पहुंचा सकती है. प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर पड़ सकता है. अनहेल्दी फैट शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर में भी इजाफा करता है. डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
बढ़ा हुआ एस्ट्रोजन मेंस्ट्रुअल साइकिल पर असर डालता है. जंक फ़ूड सूजन बढ़ाता है जिससे पता चलता है कि शरीर में हार्मोनल इनबैलेंस हो रहा है.
जंक फूड खाने से हार्मोनल इनबैलेंस हो सकता है और इससे इरेगुलर पीरियड्स, पीएमएस के लक्षण, भारी पीरियड्स जैसी दिक्कत हो सकती है जो एंडोमेट्रियोसिस के साथ ही कई व एंडोक्राइन-संबंधी बीमारी का डर बढ़ा सकता है.
बहुत ज़्यादा जंक फ़ूड खाना सेहत के साथ ही मासिक धर्म चक्र के लिए बुरा साबित हो सकता है. यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि क्या खा रहे हैं और कितना पोषक तत्व शरीर में जा रहा है.
पीरियड्स या नॉर्मल दिनों में आपको अच्छी हेल्दी डाइट लेनी चाहिए जैसे- फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज के साथ ही लीन प्रोटीन. प्रोसेस्ड फ़ूड कम से कम खाएं. हों. जंक फ़ूड आपके मूड पर असर डाल सकता है. क्यों होती है जंक फूड की क्रेविंग
तनाव और नींद की कमी से जंक फूड की क्रेविंग बढ़ने लगती है. तनाव या स्ट्रेस शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन बनाता है.
जिससे मीठा, नमकीन और फैट वाला खाना खाने का मन होने लगता है. नींद कम लेने से भूख कंट्रोल करने वाले जरूरी हार्मोन नहीं बन पाते हैं.
अस्वीकरण: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए सलाह या ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है. न तो किसी जानकारी की पुष्टि करता है.