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Uttarakhand Tunnel Collapse Updates:उत्तराखंड के सुरंग हादसे में कैसे बीते 10 दिन, मजदूरों को मौत के मुंह से बचाने की जद्दोजहद तेज

उत्तरकाशी में टनल के भीतर फंसे 41 लोगों को विगत 10 दिनों से रेस्क्यू करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है. लेकिन अभी तक सरकार को या फिर प्रशासन को कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है. मामला 12 नवंबर दिवाली के दिन का है.

12 नवंबर

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12 नवंबर

रविवार का दिन दिवाला का सुबह 5.30 सिलक्यारा के निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबे टनल में कुछ मजदूर शिफ्त में काम कर रहे थे. शिफ्ट से बाहर आने के तैयारी में थे. तभी अचानक से सुरंग भरभरा के अचानक गिर गया

13 नवंबर

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13 नवंबर

दूसरे दिन मलबा हटाने के की कोशिश की जा रही थी. हैवी एक्सकैवेटर मशीन मंगाई गई. वॉकी टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से बात हुई. मजदूरों ने बताया कि सब सुरक्षित है. मजदूरों ने खाने की मांग की उसके बाद उनको पाइपलाइन के जरिए चने और मुरमुरे के पैकेट उपलब्ध कराया गया. इसी दिन टनल में फंसे मजदूरों की सूची भी जारी की गई.

14 नवंबर

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14 नवंबर

टनल में भूस्खलन के तीसरे दिन उत्तराखण्ड आपदा प्रबंध  ने टनल के भीतर भूस्खलन का जायजा लिया और उस दिन से ऑगर मशीन मंगवा कर बोरिंग कर पाइप डालने की रणनीति बनाई गई.

15 नवंबर

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15 नवंबर

चौथे दिन टनल में ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया. हरिद्वार से ट्रकों में 900 एमएम के आयरन के पाइप पहुंचाए गए. तकनीकी विशेषज्ञों ने इस दिन मजदूरों को सुरक्षित निकालने की उम्मीद जताई थी. इस दिन मजदूरों के परिजनों ने टनल के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया.

16 नवंबर

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16 नवंबर

केंद्रिय राज्य मंत्री वीके सिंह ने सिल्क्यारा पहुंचरकर राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया. मजदूरों के परिजनों से मिले और उनको ढाढस बंधाया.

17 नवंबर

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17 नवंबर

छठे दिन अमेरिकी जैक एंज पुश अर्थ ऑगर मशीन से रेस्क्यू का कार्य शुरू किया .  टनल में फंसे मजदूरों का हाल प्रधानमंत्री ने जाना. वायुसेना के विमान से मशीन के पार्ट्स जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाया गया.  

18 नवंबर

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18 नवंबर

सातवें दिन भी जोर आजमाइश किया लेकिन नतीजा कुछ नहीं आयै परिजन गुस्साये, सुरंग से लगभग 22 मीटर का मलबा हटाने के बाद काम रूक गया.

19 नवंबर

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19 नवंबर

आठवें दिन सुरंग के ऊपर और साइड से ड्रिलिंग करने की रणनीति बनी. केंद्रिय मंत्री नितीन गडकरी ,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सिल्क्यारा पहुंचे हालात का जायजा लिया. पीएमओं से अधिकारी और इंजीनियरिंग विशेषज्ञ शनिवार को उत्तरकाशी पहुंचे.

 

20 नवंबर

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20 नवंबर

सिल्क्यारा सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग करने के लिए एक और मशीन पहुंची देर शाम तक सुरंग के भीतर मजदूरों को खाना पहुंचाने के लिए 6 इंच चौड़ा पाइप मलबे के आर पार किया गया. 

21 नवंबर

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21 नवंबर

विगत 10 दिन से चल रहे इस रेस्क्यू बचाब अभियान में आज और दिन के मुकाबले तेजी देखने को मिली. आज 10 दिन में पहली दफा 41 मजदूरों का विडियो आया जिसमें मजदूर खुद को सुरक्षित बताए.