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काशी-अयोध्या जैसा चमकेगा शिव का ये शहर, सरयू पर बोटिंग संग मिलेगा जुहू बीच जैसा मजा

Barabanki news:  बाराबंकी में श्रीलोधेश्वर महादेव मंदिर के पास सरयू नदी पर बोटिंग क्लब और घाट का निर्माण एक अद्भुत पर्यटन स्थल बनाएगा.  यहां श्रद्धालुओं को आवागमन में काफी सहूलियत मिलेगी.

 

अयोध्या-काशी

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 अयोध्या-काशी

जिस तरह से अयोध्या और वाराणसी का कायाकल्प हुआ है वैसे ही आने वाले समय में यूपी में बहुत से बदलाव देखने को मिलेंगे. 

श्रद्धालुओं के लिए एक नया पर्यटन स्थल

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 श्रद्धालुओं के लिए एक नया पर्यटन स्थल

यूपी के बाराबंकी जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सरयू नदी, बाराबंकी और बहराइच जिलों बांटती है. अब यह सरयू नदी, श्रद्धालुओं के लिए एक नया पर्यटन स्थल बनाने जा रही है.

 

श्रीलोधेश्वर महादेवा

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 श्रीलोधेश्वर महादेवा

बाराबंकी स्थित प्राचीन मंदिर श्रीलोधेश्वर महादेवा आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरयू नदी पर बोटिंग क्लब और घाट बनाया जाएगा. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा, और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिलेगा।

 

बोटिंग क्लब और घाट

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 बोटिंग क्लब और घाट

अयोध्या की तर्ज पर यहां भी दर्शन करने वाले भक्तों के लिए बोटिंग क्लब और एक नया घाट बनाया जाएगा. 

 

अयोध्या की तर्ज

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अयोध्या की तर्ज

इस घाट के बन जाने से श्रद्धालुओं को काफी आसानी होगी और अयोध्या की तर्ज पर सरयू नदी में स्नान करने के बाद महादेव में जलाभिषेक भी कर सकेंगे.

 

घाट तक सड़क

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 घाट तक सड़क

इसके अलावा महादेवा से सरयू नदी पर बनने वाले घाट तक एक सड़क भी बनाई जाएगी जिससे श्रद्धालुओं को आवागमन में काफी सहूलियत होगी. 

 

काशी की तर्ज पर कॉरिडोर

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काशी की तर्ज पर कॉरिडोर

महादेवा में काशी की तर्ज पर कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा. इसे लेकर प्रक्रिया चल रही है. 

 

होगी सुविधा

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 होगी सुविधा

यहां सावन के अलावा कजरी तीज पर व अन्य दिनों में भारी संख्या में आकर श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन व जलाभिषेक करते हैं.

 

डीएम ने जमीन का कराया निस्तारण

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 डीएम ने जमीन का कराया निस्तारण

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महादेवा को काशी की तर्ज पर विकसित करने की घोषणा की थी. इसके बाद से ही इस दिशा में काम शुरू हो गया था.

 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.