मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुनाव प्रचार के लिए यूपी के बाहर भी खूब डिमांड रहती है. उपचुनाव के बावजूद सीएम योगी आदित्यानाथ ने महाराष्ट्र में मोर्चा संभाला. यहां उन्होंने 11 रैलियों को संबोधित किया. जिसका असर चुनावी नतीजों में देखने को मिला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महाराष्ट्र में भारी डिमांड देखने को मिली.
योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में अपनी पहली रैली के जरिए शिवाजी बनाम औरंगजेब का मुद्दा उठाकर माहौल बनाया था.
महाराष्ट्र में सीएम योगी ने ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहेंगे तो नेक और सेफ रहेंगे’ के नारे के साथ हिंदुत्व के मुद्दे को खूब धार दी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रैली में पाकिस्तान से लेकर फिलीस्तीन तक जिक्र कर हनुमान चालीसा का मुद्दा उठाया.
छत्रपति शिवाजी के बहाने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदू वोटरों को एकजुट करने की कोशिश करते भी नजर आए.
सीएम योगी के चर्चित नारे‘बंटेंगे तो कटेंगे’ पर जब विपक्षी दलों ने विरोध शुरू हुआ तो सीएम योगी ने उसे छत्रपति शिवाजी महाराज और औरंगजेब से जोड़ दिया.
सीएम योगी ने चुनावी जनसभा में पाकिस्तान का भी जिक्र किया. कहा कि भारत की चिंता की बजाय कुछ लोग पाकिस्तान और फिलीस्तीन के लिए घड़ियाली आंसू बहाते हैं.
अमरावती में पूर्व सांसद नवनीत राणा का जिक्र कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, उन्हें हनुमान चालिसा के लिए भी संघर्ष करना पड़ा, ये कैसा दिन है.
योगी आदित्यनाथ ने आगरा के म्यूजियम को शिवाजी महाराज से जोड़ दिया, कहा-हमने उसका नाम औरंगजेब से बदलकर छत्रपति शिवाजी की स्मृति में रखा.
सीएम योगी ने महाराष्ट्र की जनसभा में अयोध्या, काशी और मथुरा तक का जिक्र किया. उद्धव ठाकरे पर हमला करते हुए कहा इन्हें देश, धर्म, राष्ट्रवाद, समाज की परवाह नहीं है.
बंटेंगे तो कटेंगे के नारे को कांग्रेस अध्यक्ष ने चुनावी रैली में संविधान के खिलाफ बताया था. इस पर योगी ने पलटवार किया था. "खड़गे का गांव भी जलाया गया था. लेकिन खड़गे सच्चाई को नहीं बोलना चाहते. क्योंकि उनको लगता है कि निजाम पर आरोप लगाउंगा तो वोट खिसक जाएगा."