Badaun Monkey Death: यूपी के बदायूं में बंदरों से परेशान होकर उनकी हत्या किए जाने का मामला सामने आया है. पुलिस ने बंदरों को शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पूरा मामला गांव करौली का है. पढ़ें खबर-
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Badaun Monkeys Murder: उत्तर प्रदेश के बदायूं से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर लोग अवाक रह गए हैं. बदायूं के उसावा थाना इलाके के गुरा बरेला गांव के जंगल से एक बड़ी घटना सुनने को मिली है, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि इंसानियत किस स्तर तक गिर गई है. वीडियो में दिख रहा है कि करीब 7 बंदर मृत अवस्था में पड़े हैं. सातों बंदरों को बांधकर उनकी निर्मम हत्या की गई है. वीडियो वायरल होने के बाद गांव पहुंचे वन रेंजर ने थाने में तहरीर दी है, जिसके बाद पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम की धारा में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
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बंदरों से परेशान होकर किया गया यह घिनौना काम?
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बंदरों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. आसपास के लोगों का कहना है कि यह पूरा मामला पास के ही गांव करौली का है. यहां पर हमेशा से ही बंदरों का एक बड़ा झुंड रहता था. वहां रहने वाले लोग बंदरों से परेशान रहते थे. ऐसे में किसी ने गुस्से में ही यह काम किया है. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं का जा सकी है.
नशीला पदार्थ पिलाकर पीटने की आशंका
बताया जा रहा है कि एनिमल लवर प्रेमी विकेंद्र शर्मा और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के रेंजर रवींद्र बिष्ट ने मौके पर पहुंचे जां शुरू की. उनकी जांच में सामने आया है कि बंदरों को नशीला पदार्थ खिलाया गया है और उन्हें पीटा भी गया है.
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बताया जा रहा है कि काफी दिनों से बंदर करौला गांव के किसानों की फसल बर्बाद कर रहे थे. ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की थी. कई ऐसी घटनाएं भी हुईं, जहां बंदरों ने इंसानों को घायल कर दिया. इसके कुछ समय बाद ही गांव में सात बंदरों की हत्या का वीडियो वायरल होने लगा. यह वीडियो देख लोग सकते में आ गए हैं. अब पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, वन्य जीव संरक्षण के लिए कई अनुसूची होती हैं. अनुसूची 1 और 2 में सात साल की सजा का प्रावधान है. वहीं, 3 और 4 में सात साल से कम की सजा मिलती है. बंदर अनुसूची-1 में शामिल है. इसलिए इस केस में दोषी पाए जाने पर कम से कम सात साल की सजा होगी. वहीं, 428-429 के तहत दो साल की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
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