Bharat Jodo Yatra 2022 : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की पदयात्रा के लिए समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती को न्योता भेजाव गया है. क्या उत्तर प्रदेश में जमीनी पकड़ खो चुकी कांग्रेस मिशन 2024 से पहले महागठबंधन की कवायद कर रही है.
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Bharat Jodo Yatra In UP : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश में 3 जनवरी 2023 को प्रवेश करने वाली है.राहुल गांधी के साथ यूपी में उनकी बहन प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) भी होंगी. राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) , बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (OP Rajbhar) को भी न्योता भेजा है.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 24 दिसंबर को नई दिल्ली पहुंची थी. राष्ट्रीय राजधानी के बाद ये यात्रा नौ दिन का विराम लेगी औऱ 3 जनवरी को यूपी में दस्तक देगी. कांग्रेस इस यात्रा के जरिये मिशन 2024 (Mission 2024) के लिए महत्वपूर्ण यूपी के वोटबैंक पर अहम निशाना साधेगी. यूपी में कांग्रेस लगातार अपना जनाधार खोती जा रही है. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी उसे महज 1 सीट मिली.
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अमेठी लोकसभा सीट से राहुल गांधी चुनाव हार गए औऱ अब रायबरेली में सोनिया गांधी की सीट कांग्रेस अगले चुनाव में बचा पाएगी या नहीं- ये बड़ी चुनौती है. योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) की अगुवाई में यूपी में लगातार दूसरी बार भारी बहुमत से सत्ता हासिल कर बीजेपी आत्मविश्वास से लबरेज है. अगर अखिलेश यादव, ओम प्रकाश राजभर और मायावती जैसे बड़े नेता उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की अगुवाई वाले इस अभियान में शामिल होते हैं, तो महागठबंधन की सुगबुगाहट फिर देखने को मिल सकती है.
उत्तर प्रदेश की धरती #BharatJodoYatra के स्वागत और सफलता की तैयारी में दिन-रात लगी है।
आज इसी संदर्भ में राष्ट्रीय सचिव @Rajesh_TiwariCG जी ने अमेठी के कांग्रेसजनों के साथ बैठक की।
हम हैं तैयार, मिलने को कदम से कदम pic.twitter.com/Ep4buPzFIw
— UP Congress (@INCUttarPradesh) December 25, 2022
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों दल मोदी लहर में कमाल नहीं दिखा पाए. कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले बसपा से भी हाथ मिलाने के संकेत दिए थे, लेकिन ये कवायद परवान नहीं चढ़ पाई.
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तमाम सवाल उठ रहे हैं कि 80 लोकसभा सीटों और 75 जिलों वाला उत्तर प्रदेश- जो दिल्ली की सत्ता का रास्ता खोलता है, वहां राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा महज तीन जिलों से ही क्यों गुजर रही है. वो भी सिर्फ 4 दिनों में 110 किलोमीटर. भारत जोड़ो यात्रा लोनी बॉर्डर से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद पहुंचेगी. फिर 4 जनवरी को बागपत, 5 जनवरी को कैराना के बाद 6 जनवरी को हरियाणा के सोनीपत में प्रवेश कर जाएगी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद भी राहुल गांधी की पदयात्रा की रणनीति को अमलीजामा पहनाने में जुटे हैं.
कांग्रेस का कहना है कि यात्रा के जरिये यूपी में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग औऱ सर्वणों को फिर से पार्टी से जोड़ा जाए ताकि 2024 में जनाधार को मुख्य मुकाबले में लाया जा सके. यही वजह है कि न केवल पार्टी के मुस्लिम, पिछड़े वर्ग के नेताओं बल्कि दूसरे दलों के बड़े नेताओं को भी न्योता दिया गया है.
जानकारी के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती , समाजवादी पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और सांसद जयंत चौधरी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान,सतीश चन्द्र मिश्र सहित तमाम विपक्ष के तमाम नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है.
पार्टी का कहना है कि राहुल गांधी यूपी में यात्रा के दौरान दलितों, ओबीसी वर्ग (Dalit OBC) के नेताओं के अलावा मजदूरों, कलाकारों और अन्य कामगारों से भी मुलाकात कर उनकी बातों को सुनेंगे. एक समय में करीब 11 हजार पदयात्री राहुल गांधी की इस पदयात्रा में शामिल होने का अनुमान है. हालांकि करीब 5-6 लाख लोगों को यात्रा से जुड़ने का न्योता भेजा गया है.
राहुल गांधी की यात्रा के 108 से भी ज्यादा दिन पूरे हो चुके हैं. दक्षिण से उत्तर भारत तक उनकी यात्रा 3 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर तय कर चुकी है. हरियाणा -पंजाब में 10 दिनों की पदयात्रा के बाद ये सफर 30 जनवरी को जम्मू-कश्मीर पहुंचेगा.
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