Siddharthnagar News: जिले के मत्स्य पालकों की माने तो इस बार अचानक आई बाढ़ ने उन्हें बर्बाद कर दिया है. देखते देखते मत्स्य पालक अर्श से फर्श पर आ गए हैं. करोड़ों के नुकसान की भरपाई वो कैसे करेंगे. उनके सामने बस अंधेरा ही अंधेरा है.
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सलमान आमिर/सिद्धार्थनगर: यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में पिछले दिनों आई बाढ़ ने मत्स्य पालकों की कमर तोड़ दी है. एक अनुमान के मुताबिक सिद्धार्थनगर में मत्सय पालन वयवसाय को करीब 112 करोड़ का नुकसान हुआ है. जिले के सबसे ज्यादा मत्स्य पालन करने वाले अकरहरा गांव में अकेले करीब 40 करोड़ के नुकसान की बात सामने आ रही है. वहीं, सीएम योगी के द्वारा मुआवजे के एलान के बाद कुछ भरपाई की उम्मीद मत्स्य पालकों के बीच जरूर जगी है.
112 करोड़ की मछलियां बाढ़ में बह गईं
उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा मछ्ली उत्पादन करने वाला जिला सिद्धार्थनगर है. प्रदेश की 30 प्रतिशत मछली की आपूर्ति सिद्धार्थनगर से होती है. सिद्धार्थनगर जिले में हर वर्ष बाढ़ दस्तक देती है. बाढ़ की वजह से हर साल मछलियों का नुकसान भी होता है, लेकिन कारोबार पर ज्यादा असर नहीं पड़ता है. इस बार की बाढ़ ने पिछले 50 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए. मछली उत्पादन का गढ़ कहे जाने वाले क्षेत्र अकरहरा गांव मे सैकड़ों एकड़ में स्थित तालाब पूरी तरह पानी मे डूब गए. तालाब के इलाके में करीब 5 फीट ऊपर पानी आ जाने से लाख जतन के बावजूद बाढ़ प्रभावित इलाकों के तालाबों से 112 करोड़ की मछलियां देखते देखते निकल कर बाढ़ के साथ बह गईं.
मत्स्य पालको का दर्द
जिले के मत्स्य पालकों की माने तो इस बार अचानक आई बाढ़ ने उन्हें बर्बाद कर दिया है. देखते देखते मत्स्य पालक अर्श से फर्श पर आ गए हैं. करोड़ों के नुकसान की भरपाई वो कैसे करेंगे. उनके सामने बस अंधेरा ही अंधेरा है. इस मायूसी भरे अंधेरे के बीच उत्तरप्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की ओर से मुआवजा की घोषणा के बाद मत्स्य पालकों को उम्मीद की एक किरन जरूर दिख रही है. मत्स्य पालक राहत पैकेज की राह देख रहे हैं. ताकि सरकारी मदद से जगह जगह से टूटे और डैमेज हो चुके तालाबों की मरम्मत कर अपना व्यवसाय फिर से शुरू कर सके.
जिले में मत्स्य पालन को बाढ़ की वजह से हुए इतने बड़े नुकसान के बारे में जिलाधिकारी संजीव रंजन कहना है कि मत्स्य पालकों को काफी नुकसान हुआ है. इस का आंकलन कराया जा रहा है और इसकी रिपोर्ट शासन को भेज कर मत्स्य पालकों को जरूर मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा. जिलाधिकारी ने कहा कि आपदाओं में मछली व्यवसाय में फीड को लेकर तो मुआवजे का प्रावधान है, लेकिन मत्स्य पालकों लेकर कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद इसके रिपोर्ट शासन को भेज कर हर स्तर पर प्रयास किया जाएगा.