किरायेदार-मकान मालिक, दोनों को ही सबक सिखाता है ग्रेटर नोएडा का यह मामला, पढ़िए पूरी खबर
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किरायेदार-मकान मालिक, दोनों को ही सबक सिखाता है ग्रेटर नोएडा का यह मामला, पढ़िए पूरी खबर

Greater Noida Ace Aspire Society Elderly Couple Protest: मकान मालिक का कहना- 5 मार्च को ही खत्म हो गया था कॉन्ट्रैक्ट, किरायेदार का कहना- नवंबर तक है एग्रीमेंट. बुजुर्ग दंपति 4 महीने से घर खाली कराने के लिए दर-दर भटक रहे हैं और अब फ्लैट के सामने ही धरना दे रहे हैं. पढ़ें खबर-

किरायेदार-मकान मालिक, दोनों को ही सबक सिखाता है ग्रेटर नोएडा का यह मामला, पढ़िए पूरी खबर

अंकित मिश्रा/ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा की एक सोसायटी से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट की Ace Aspire Society के एक फ्लैट के बाहर कई दिनों से एक बुजुर्ग दंपति ललितेश कुमारी (73) व श्रीचंद गुप्ता (75) धरना दे रहे हैं. यह दंपति लखनऊ से ग्रेटर नोएडा आया है और ब्लॉक नंबर 1 क्लोज फिक्स फ्लैट नंबर 604 के बाहर डेरा जमाए बैठा हुआ है. दरअसल, ये बुजुर्ग अपना घर खाली करवाना चाहते हैं, लेकिन इनका किरायेदार मकान छोड़ने को तैयार नहीं है. दंपति का कहना है कि इस घर में रह रही किरायेदार कहती है कि उनका एग्रीमेंट नवंबर तक है और वह इससे पहले घर छोड़कर नहीं जाएगी. हालांकि, बुजुर्ग का आरोप है कि वह एग्रीमेंट फर्जी है असली नहीं! और उसपर दस्तखत भी फर्जी किए गए हैं. 

आरोप: किरायेदार दिखा रही फर्जी एग्रीमेंट
इतना ही नहीं, दंपति ने बताया है कि उनका बेटा अपूर्व वार्षणेय सिंगापुर में रहता है और उसने कोई भी एग्रीमेंट आगे नहीं बढ़ाया है. मौजूदा समय में महिला किरायेदार घर लॉक करके बाहर है. आरोप है कि किरायेदार के कहने पर ही वह 15 मार्च को अपना सामान लखनऊ से लेकर सोसायटी शिफ्ट होने पहुंचे थे, लेकिन किरायेदार ने दूसरा मकान मिलने तक फ्लैट खाली करने से इनकार कर दिया. 

बेटे ने ट्वीट कर लगाई मदद की गुहार
बता दें, सिंगापुर में रह रहे बेटे ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए ग्रेटर नोएडा पुलिस और प्रशासन से मदद मांगी है. बुजुर्ग दंपति ने बताया कि दोनों ही लोग लखनऊ में समाज कल्याण विभाग में काम करते थे. रिटायर होने के बाद उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से साल 2017 में एक फ्लैट खरीदा. यह फ्लैट उनके बेटे अपूर्व वार्षणेय के नाम पर है. अपूर्व सिंगापुर में इंजीनियर है. 

मार्च में पूरा हो गया था कॉन्ट्रैक्ट
दंपति का कहना है कि 2017 में फ्लैट लेने के बाद कॉन्ट्रैक्ट पर एक महिला को मकान किराये पर दे दिया था. महिला के साथ उनका 23 साल का बेटा और बेटी रहते हैं. अब बताया जा रहा है कि यह कॉन्ट्रैक्ट 5 मार्च को ही खत्म हो गया था और इस फ्लैट में शिफ्ट होने की इच्छा रख किरायेदार को ई-मेल के जरिए नोटिस भेज दिया गया था. इतना ही नहीं, किरायेदार ने ई-मेल पर अपनी सहमति भी दे दी थी. इसके बाद जब दंपति 15 मार्च को अपना सामान लखनऊ से लेकर ग्रेटर नोएडा आए, तो किरायेदार ने मकान खाली करने से मना कर दिया. 

4 महीने से घर खाली होने के इंतजार में हैं दंपति
अब जानकारी मिल रही है कि यह बुजुर्ग दंपति 4 महीने से भटक रहे हैं और किरायेदार के कान पर जूं भी नहीं रेंग रही. बुजुर्ग कपल का कहना है कि हर बार नोटिस दो और हर बार किरायेदार महिला निर्धारित तारीख को आगे बढ़ा देती है. अब वह 4 महीने से फ्लैट खाली होने के इंतजार में भटक रहे हैं. फिलहाल, वह गाजियाबाद में अपने रिश्तेदार के घर में रह रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक किरायेदार उनका फ्लैट खाली नहीं कर देती, यह धरना जारी रहेगा. वहीं, सोसायटी वालों का कहना है कि बुजुर्ग दंपति को धरने पर बैठा देख महिला फ्लैट में ताला लगाकर कहीं चली गई है.

ध्यान देने वाली बात यह है कि यह खबर किरायेदारों को ही नहीं, बल्कि मकान मालिकों को भी सीख देती है. बिना लीगल डॉक्यूमेंट्स के और पुलिस के संज्ञान में लाए बिना किसी को घर में न रखना चाहिए, न ही किसी के घर में रहना चाहिए.

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