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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के योगी सरकार यूपी में 1 जुलाई से 19 तरह की सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने जा रही है. यह प्रतिबंध 1 जुलाई से लागू हो जाएगा. वहीं, व्यापारियों को चिंता है कि इन प्लास्टिक से बने प्रोडक्टस के बैंन के बाद इनके स्थान पर मिलने वाले विकल्प ज्यादा महंगे ना हों. माना जा रहा है कि इस बैन से करोड़ों रुपये से ज्यादा के कारोबार पर प्रतिमाह असर पड़ेगा.
इन सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रोडक्टस पर लगेगा प्रतिबंध
19 तरह की सिंगल यूज प्लास्टिक हैं, जिन पर प्रतिबंध लग रहा है. इसमें प्लास्टिक वाले ईयर बड्स, स्टिक, झंडे, गुब्बारे, कैंडी, आइसक्रीम स्टिक, चाय-कॉफी हिलाने वाली स्टिक, सजावटी पॉलीस्टाइरिन, थर्मोकॉल , प्लेट, कप गिलास, कटलरी, छुरी-कांटा चम्मच, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट के रैप, पैक करने वाली फिल्म समेत 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर पर भी पूर्ण रूप से बैन लगा दिया है.
दुकानदारों की मांग विकल्प की कीमत न हो ज्यादा
वहीं, दुकानदारों के मुताबिक उन्हें इसका नुकसान झेलना पड़ेगा. दोना-पत्तल व्यापारियों की मानें तो सरकार को इसका विकल्प लाने के बाद ऐसा फैसला लेना चाहिए था. उनकी मांग है कि सरकार से इसी कीमत के बराबर विकल्प भी लाए. ऐसे में जो भी विकल्प लाया जाए, उसे सख्ती से लागू करवाया जाए, ताकि भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सके.
छोटे-बड़े व्यापारियों पर पड़ेगा प्रतिबंध का असर
अगर हम लखनऊ शहर की बात करें तो प्रतिबंध का असर देवा और मोहान रोड स्थित फैक्टरी व शहर में कई छोटे-बड़े व्यापारियों पर पड़ेगा. वहीं, प्रतिबंध लगने से सीधा अन्य व्यापारियों पर भी आएगा, क्योंकि ये लोग रोजाना लाखों रुपये का सामान बेचान करते हैं. ठेला-खुमचा दुकानदारों पर भी इसका असर होगा. हालांकि, अब देखना यह है कि यह प्लास्टिक बैन कितना कारगर साबित होगा. बता दें कि पर्यावरण की बेहतरी के लिहाज से व्यवसायियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत भी किया है. वहीं, समस्याओं के समाधान के लिए गुहार भी लगाई है.
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