बाबरी ढांचा गिराए जाने की बरसी के मौके पर प्रदेश भर पुलिस अलर्ट रही. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कुछ छात्रों ने इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की.
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प्रमोद कुमार/अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के परिसर में छात्रों ने 6 दिसंबर को काला दिवस करार देकर विरोध प्रदर्शन किया है. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों ने अल्लाह हू अकबर के नारे भी लगाए. वहीं इस प्रदर्शन के दौरान लॉ एंड ऑर्डर के नजरिए से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बाहर डीएसपी सहित एसीएम व पीएसी बल तैनात रहा. छात्र नेता अबु सलीम के मुताबिक 1992 में तत्कालिन सरकार द्वारा बाबरी मस्जिद का ताला तोड़कर उसमें प्रवेश कर मस्जिद को शहीद किया गया था, उनका कहना है मस्जिद को शहीद करने के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा मस्जिद के लिए अलग से जगह दी गयी लेकिन ये भीख हमें नही चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद जिंदा है और हमेशा जिंदा रहेगी, उन्होंने कहा कि हम अपने आने वाली नस्लों को भी यह बता कर जाएंगे कि यह सरकार मुस्लिम विरोधी सरकार है. वहीं प्रदर्शन के दौरान छात्रों द्वारा तरह-तरह की नारेबाजी देखने को मिली है. 6 दिसंबर को बाबरी ढांचा गिराए जाने की बरसी को देखते हुए प्रदेश भर में पुलिस अलर्ट मोड पर रही. पुलिस ने शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई भी की है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को भी पुलिस समझाइस देती नजर आई.
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अयोध्या में चप्पे-चप्पे में पुलिस रही तैनात
राम नगरी अयोध्या में 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की 30वीं बरसी पर पुलिस अलर्ट रही. सभी प्रवेश मार्गों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया गया. अयोध्या की प्रमुख मठ मंदिर और मस्जिदों पर भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से हर आने जाने वाले पर कड़ी निगरानी की गई. 6 दिसंबर 1992 में बाबरी विध्वंस हुआ था जिसके बाद से अयोध्या को हाई सिक्योरिटी जोन के तहत रखा गया है.
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