UP News:बीमारियों की 'बाढ़' को लेकर सीएमओ-सीएचओ को चेतावनी, डिप्टी सीएम बोले-लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी
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UP News:बीमारियों की 'बाढ़' को लेकर सीएमओ-सीएचओ को चेतावनी, डिप्टी सीएम बोले-लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी

मानसून का सीजन शुरू हो चुका है इसी बीच अब बारिश से होने वाली बीमारियां भी बढ़ने लगी है. बीमारियों को गंभीरता से लेते हुए यूपी के डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने 6 जुलाई को सीएमओ सहित सीएमएस को कड़े निर्देश दिए हैं.

Monsoon Diseases

अजीत सिंह/लखनऊ: मानसून का सीजन शुरू हो चुका है इसी बीच अब बारिश से होने वाली बीमारियां भी बढ़ने लगी है. बीमारियों को गंभीरता से लेते हुए यूपी के डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने 6 जुलाई को सीएमओ सहित सीएमएस को कड़े निर्देश दिए हैं. पाठक ने कहा कि मानसून में कई बीमारी जैसे त्वचा रोग, सर्पदंश, डायरिया आदि होने का डर रहता है. बीमारी चाहें कैसी भी हो स्वास्थ्य विभाग तैयार रहे, किसी भी तरह कि चूक होने पर कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. 

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पर्याप्त रखें एंटी स्नैक वैनम 
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने 6 जुलाई को सीएमओ व सीएमएस को बारिश से होने वाली हर बीमारी से लड़ने के लिए दवाओं का स्टॉक रखने के निर्देश दिए, उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं. एंटी स्कैन वैनम का सीएचसी, जिला स्तरीय अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम होना जरूरी है. इमरजेंसी होने पर पीड़ित को तुरंत इलाज मिलना चाहिए. किसी भी रोगी के लिए बाहर से दवा ना मंगवाई जाएं. 

संक्रामक रोग फैलने की सूचना पर टीम भेजे 
पाठक ने कहा की बारिश के समय संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा और भी बढ़ जाता है. जैसे कि डायरिया, बुखार, सर्दी-जुकाम, त्वचा रोग, सर्पदंश. इसी बीच किसी भी तरह की संक्रामक रोग फैलने की जानकारी लगते ही राहत टीम भेजकर रोगी का मौके पर ही इलाज करें. पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जांच की सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहनी चाहिए. अलीगढ़, कानपुर समेत कई जिलों में मानसून से जुड़े संक्रामक बीमारियों के केस सामने आए हैं.

लापरवाही की तो होगी कड़ी कार्रवाई 
डिप्टी सीएम ने चेतावनी देते हुए कहा कि संक्रामक रोगों की रोकथाम में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मेडिकल मोबाइल यूनिट रोस्टर के हिसाब पर जायें. ताकि रोगियों को डॉक्टर की सलाह व जरूरी जांच और दवाओं से वंचित ना रहना पड़े. एम्बुलेंस सेवाएं भी इमरजेंसी मोड में रहें. ताकि किसी को भी इलाज के लिए ठोकरें न खानी पड़े.

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