ZEE UPUK CONCLAVE: उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड ने कानपुर में 'उत्तर प्रदेश की बात कानपुर से' कॉन्क्लेव का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना ने शिरकत की. देखें वीडियो...
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ZEE UPUK CONCLAVE: रविवार 4 सितंबर 2022 को ज़ी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड ने कानपुर में 'उत्तर प्रदेश की बात कानपुर से' कॉन्क्लेव का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना ने शिरकत की. कॉन्क्लेव में कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे और ज़ी यूपी-उत्तराखंड के संपादक रमेश चंद्रा भी मौजूद रहे. कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बेबाकी से सवालों के जवाब दिए.
ई-विधानसभा बनाने के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा
उत्तर प्रदेश विधानसभा को ई-विधानसभा बनाने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 29 मार्च को उन्हें विधानसभा अध्यक्ष चुना गया. उन्होंने बताया कि मेरे लिए सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष, सभी ने मिलकर प्रस्ताव कर चुनाव किया. उनके लिए यह सौभाग्य की बात है कि उनके प्रति सबका विश्वास है. उन्होंने कहा जिस दिन एक भी राजनीतिक दल का मुझ पर विश्वास नहीं रहेगा, उस दिन मैं विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठूंगा या नहीं, इस पर मैं विचार करूंगा. मुझे सबके विश्वास को साथ लेकर चलना है.
उन्होंने बताया कि यूपी विधानसभा को ई-विधानसभा बनाने के लिए चुनाव के बाद उन्होंने मॉनिटरिंग की. क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का e-vidhan लागू करने का एक सपना था. विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने इसके लिए 1 महीने का टारगेट रखा. एमएलए और विधायकों के लिए सीट बढ़ाने से लेकर टेबलेट्स लगाने जैसी कई समस्याएं थी. काम पूरा होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को उद्घाटन के लिए बुलाया गया था. उन्होंने कहा कि जब हमारे गांव के प्रधान लैपटॉप पर काम कर सकते हैं तो हमारे चुने हुए विधायक क्यों नहीं. इसमें महज एक-दो कठिनाई हुई थी. सभी सदस्य अपनी डिवाइस पर काम कर रहे थे.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में इतने योग्य सदस्य
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में मेडिकल फैक्लिटी के 18 डॉक्टर हैं, 31 एमबीए इंजीनियरिंग फॉर बी टेक और बीसीए हैं. यूपी विधानसभा में 51 ऐसे एमएलए हैं जिनकी उम्र 40 साल से कम है. 29 ऐसे विधायक हैं जो 5 बार से ज्यादा बार विधायक बने हैं.
कानपुर में यूपी विधानसभा अध्यक्ष से जब पूछा गया जब मंत्री बनना या स्पीकर के तौर पर काम करना क्या अच्छा लगा. इस सवाल का जवाब देते हुए स्पीकर ने कहा जो भी जिम्मेदारी मिले उसे अच्छी तरीके से लग कर करना चाहिए. एक कार्यकर्ता के तौर पर मैंने काम शुरू किया था. मुझे कार्यकर्ता बनकर सबसे अच्छा लगता है. जब मंत्री था तो मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि पिछले कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में उद्योगों को नई पहचान मिली. पहले उद्योगपति उत्तर प्रदेश आना नहीं चाहते थे.
पहले उद्योगपतियों के लिए लास्ट प्रीफर्ड डेस्टिनेशन था यूपी
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश उद्योगपतियों के लिए लास्ट प्रीफर्ड डेस्टिनेशन हुआ करता था. आज यूपी मोस्ट प्रीफर्ड डेस्टिनेशन है. पिछली सरकार में 5 साल बीते, अब उन्हें नई जिम्मेदारी मिली है. उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता होती है कि देश में सभी विधानसभाएं हैं. सभी अपने प्रकार से काम कर रही हैं. सबका अपना महत्व है. सब के प्रति मेरा आदर और सम्मान है. लेकिन कई ऐसी बातें हैं जो देश की किसी विधानसभा में नहीं हुई. वह मैंने 4 महीने में उत्तर प्रदेश विधानसभा में करके दिखाया है. यह मेरे लिए गर्व की बात है.
मेरी ये जिम्मेदारी है कि मैं पक्ष और प्रतिपक्ष के प्रति निष्पक्ष रहूं: विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा में पक्ष और विपक्ष के बीच तालमेल बिठाने की चुनौती के सवाल पर कहा कि अगर विपक्ष भी कहता है कि विधानसभा अध्यक्ष उनकी बात नहीं सुनते तो वह कम से कम एक बार तो वेल में आते. लेकिन वह एक बार भी वेल में नहीं आए. यह पहला सत्र था जब, बिना एक मिनट एडजर्न्ड हुए विधानसभा का सत्र चला. उन्होंने कहा विपक्ष द्वारा विरोध करने और स्पीकर के ना सुनने वाले आरोप 4 महीने पुराने होंगे. स्पीकर ने कहा कि जब से मैं अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा हूं, मेरी ये जिम्मेदारी है कि मैं पक्ष और प्रतिपक्ष के प्रति निष्पक्ष रहूं, वो मैं कर रहा हूं.
विधानसभा में सेल्फी लेने और मोबाइल जप्त कराने को लेकर कहा
इस दौरान विधानसभा में सेल्फी लेने और मोबाइल जप्त करा लेने के सवाल पर सतीश महाना ने कहा- मैं एडवांटेज दूंगा, तो मैं सख्त भी रहूंगा. उन्होंने बताया कि विधानसभा का नया सत्र शुरू हुआ तो, उन्होंने पहले ही लॉबी को ठीक कराया. जहां माननीय विधायक बैठते हैं. वहां कॉफी का एक डिस्पेंसर लगवाया जा रहा है. ताकि माननीय सदस्य कॉफी पीने बाहर न जाएं. कई बार सदस्य कॉफी या चाय पीने बाहर चले जाते हैं और हाउस में कोई नहीं होता.
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि डिस्पेंसर लगाने के पीछे उनका ये भाव है कि कॉफी पीजिए और हाउस अटेंड कीजिए. इसमें भी सख्ती है, आप लॉबी में बैठकर कॉफी पी सकते हैं, अगर कॉफी का कप लेकर सदस्य हाउस में आए तो उस दिन के लिए हाउस से बाहर कर दिया जाएगा. स्पीकर ने कहा थोड़ी सख्ती और थोड़ा आदर दोनों चलता है. इसलिए जहां अनुशासन की बात आएगी, उसे फॉलो करना पड़ेगा. इसके अलावा उन्होंने कई अन्य मुद्दों पर भी बेबाकी से अपनी राय रखी.
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