Tirupati Balaji Prasad: तिरुपति में प्रसाद प्रकरण का मामले को लेकर पूरे देश में चर्चा जारी है. प्रसाद में चर्बी मिलने की रिपोर्ट के बाद हिंदू गुस्से में तो वहीं तिरुपति का प्रसाद खाने वाले श्रद्धालुओं को इस बात की इसके पाप का प्रायश्चित कैसे हो पाएगा.
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वाराणसी: तिरुपति में प्रसाद प्रकरण का मामला सामने आने के बाद से ही पूरे देश में इस पर चर्चा चल रही है. प्रसाद में चर्बी के मिलावट की रिपोर्ट सामने आने के बाद से ही हिंदुओं में आक्रोश है. वहीं, जिन श्रद्धालुओं ने तिरुपति का प्रसाद ग्रहण किया था अब वो चिंतित हैं. इन श्रद्धालुओं का प्रायश्चित पंचगव्य से हो सकेगा. तिरूमला के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के मिलावट ने की सामने आने के बाद श्रद्धालुओं की भावनाएं काफी आहत हैं. अभक्ष्य प्रसाद को श्रद्धालु ग्रहण करने के बाद चिंता में है. ऐसे में काशी विद्वत कर्मकांड परिषद द्वार अभक्ष्य ग्रहण करने पर श्रद्धालुओं को प्रायश्चित कराने की बात कही गई है. विद्वतजनों से परामर्श लेकर श्रद्धालु अभक्ष्य ग्रहण करने का प्रायश्चित कर पाएंगे.
निष्पक्ष जांच की मांग
काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के पूर्व अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी का इस संबंध में कहना है कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद की रिपोर्ट चौंकाती है. सनातनधर्मियों की भवनाओं को आहत करने की यह कोशिश है. आचार्य ने इसकी भर्त्सना की और मांग की कि मंदिर का न्यास बोर्ड भंग किया जाए व न्यायाधीश द्वारा इसकी निष्पक्ष जांच की जाए.
पंचगव्य प्राशन
उन्होंने ये भी कहा है कि अभक्ष्य प्रसाद खिलाकर जो पाप हुआ जिन्हें इसकी ग्लानि मन में है उनको प्रायश्चित करना चाहिए. काशी विद्वत कर्मकांड परिषद श्रद्धालुओं के प्रायश्चित करने में मदद करेगा. जिन भक्तों को ग्लानि है उन्हें प्रायश्चित करवाया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि प्रायश्चित के आदि देवता नारायण हैं, तिरुपति साक्षात नारायण हैं. भगवान या शालिग्राम को स्थापित करके सर्वप्रायश्चित का विधान हो. जिन्होंने भी प्रसाद खाया है वह मंत्र से अभिमंत्रित करके तत्काल पंचगव्य प्राशन करें.
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