Second Kedar Madmaheshwar: द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर भगवान के कपाट शीतकाल के लिए 18 नवंबर को प्रात: 8 बजे विधि-विधान से बंद किए गए. प्रात: चार बजे मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान मद्महेश्वर जी के निर्वाण दर्शन किये. इसके पश्चात पुजारी शिवशंकर लिंग ने भगवान मद्महेश्वर को समाधि पूजा शुरू की और भगवान को भस्म, भृंगराज फूल, बाघांबर से ढ़क दिया. इस तरह भगवान मद्महेश्वर को समाधिरूप दिया गया. इसके साथ ही भगवान मद्महेश्वर जी के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गये. पुजारी ने बताया कि इस यात्रा वर्ष साढ़े सात हजार श्रद्धालुओं ने भगवान मद्महेश्वर जी के दर्शन किये जिसमें दो दर्जन विदेशी शामिल हैं.