मदद के बहाने पहले सवारियों को गाड़ी में बैठाना फिर पुलिस चेकिंग का डर दिखाकर उनके जेवर लिफाफे में रखवा लेना और मौका पाते ही लिफाफा बदल देना. न कोई धमकी... न बंदूक से धमाका, बस मददगार बनकर माल पर हाथ साफ कर देना... सवारियों के जेवर लूटने के लिए कुछ ऐसा ही तरीका है इस लिफाफा गैंग का... लेकिन जब शाहजहांपुर पुलिस के पास इस तरह से लूट किए जाने के कई मामले पहुंचे तो पुलिस इस गैंग को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए ऐसा जाल बिछाया कि फिर एक दो नहीं बल्कि सात सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ गए.
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