उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान शिव मेंढक की पीठ पर विराजमान हैं. इसे मेंढक मंदिर भी कहा जाता है.
यूं तो कई मंदिर हैं, जहां जानवरों की पूजा होती है लेकिन इस मंदिर में मेंढक की पूजा की जाती है.
यह देश का एकमात्र मेंढक मंदिर माना जाता है. जो लखीमपुर-खीरी जिले के ओयल कस्बे में स्थित है.
बताया जाता है कि मंदिर करीब 200 साल पुराना है. मान्यता है कि प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया था.
चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने ही इस मंदिर का निर्माण कराया था.
इस मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली की वजह से सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है.
इस मंदिर की पहचान देश के अन्य शिव मंदिरों से अलग है. इसकी खासियत है कि यहां शिवलिंग रंग बदलता है.
यहां खड़ी नंदी की मूर्ति किसी दूसरी जगह नहीं देखने को मिलेगी.
शिवरात्रि और सावन में यहां शिवभक्त दूर दूर से भगवान शिव का जलाभिषेक करने आते हैं.
लखीमपुर से 11 किलोमीटर दूर ओयल में यह मंदिर स्थित है. लखीमपुर से बस या टैक्सी से आप यहां जा सकते हैं.
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