भारत की वो 10 जगहें.. जहां हैं देवी-देवताओं के पैरों के निशान
Zee News Desk
May 24, 2024
रुद्रपद मंदिर, असम
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह तेजपुर, असम में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान शिव के दाहिने पैर का निशान है.
त्रिवेणी संगम, प्रयागराज
यह स्थान गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है. यह हिंदुओं के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान विष्णु के पैरों के निशान हैं.
गिरनार पर्वत, गुजरात
यह पर्वत भगवान जैन के 23वें तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव को समर्पित है. यहां 55 फीट ऊंची भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा है, जिसके पैरों के तलवों पर 108 कमल के फूल हैं.
कैलाश पर्वत, तिब्बत
यह पर्वत भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान शिव के पैरों के निशान हैं
धनुषकोडी, तमिलनाडु
यह स्थान रामेश्वरम द्वीप के दक्षिणी सिरे पर स्थित है. ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने यहां से लंका के लिए सेतु बनाया था. यहां भगवान राम के पैरों के निशान होने का दावा किया जाता है.
कपिल मुनि आश्रम, उज्जैन
यह आश्रम ऋषि कपिल मुनि को समर्पित है. ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान विष्णु के पैरों के निशान हैं.
नीलकंठ महादेव मंदिर, ऋषिकेश
यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह ऋषिकेश, उत्तराखंड में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान शिव के पैरों के निशान हैं
पादुका तीर्थ, बिहार
यह तीर्थस्थल गया में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान विष्णु के पैरों के निशान हैं.
भद्रकाली मंदिर, वाराणसी
यह मंदिर देवी काली को समर्पित है और यह वाराणसी में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि यहां देवी काली के पैरों के निशान हैं.
चित्तूरगढ़ का किला, राजस्थान
यह किला भगवान विष्णु के भक्त मीरा के पति भोजराज को समर्पित है. ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान विष्णु के पैरों के निशान हैं.
जाखू हनुमान मंदिर, शिमला
शिमला के जाखू में स्थित हनुमान मंदिर के बारे में मान्यता है कि संजीवनी बूटी लेने जा रहे हनुमान जी की नजर यहां तपस्या कर रहे यक्ष ऋषि पर पड़ी. फिर वे जाखू पर्वत के जिस स्थान पर उतरे, वहां कहा जाता है कि उनके पद चिह्न पड़े थे.
Note- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इनमें से कुछ दावों को लेकर विवाद है और वैज्ञानिक प्रमाणों द्वारा उनकी पुष्टि नहीं की गई है.