मंगल पांडे: आजादी के लिए पहली गोली चलाने वाले योद्धा की कहानी

KIRTIKA TYAGI
Apr 07, 2024

भारत को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त कराने के लिए सबसे पहले अंग्रेजों से बगावत करने वाले देश के पहले व्यक्ति शहीद मंगल पांडेय थे. इनकी इस कुर्बानी को देश हमेशा याद रखेगा.

मंगल पांडेय ने देश को आजाद कराने और हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए अंग्रेजी फौज की कारतूस जिसमें गाय और सुअर की चर्बी होती है, उसे खोलने से मना कर दिया था. इससे हिंदुओं के साथ-साथ मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं के साथ भी खिलवाड़ था. 

मंगल पांडे ने इस बात का विरोध किया और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. जिसके चलते उन्हें सेना से निकाल दिया गया.

बता दें, कि मंगल पांडेय 1849 में 18 साल की उम्र में ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल नेटिव इन्फैन्ट्री में सिपाही के तौर पर भर्ती हुए थे.

अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पांडे ने विद्रोह करते हुए कई सिपाहियों को साथ ले लिया और अंग्रेज अफसर हेअरसेय पर हमला बोल दिया उन्होंने 'मारो फिरंगी को' का नारा भी दिया.

29 मार्च का दिन भारत के इतिहास में बड़ा दिन माना जाता है. इस दिन 1857 में मंगल पांडे ने भारत की आजादी के विद्रोह ही पहली गोली चलाई थी.

जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई, और तय किया गया कि उन्हें 18 अप्रैल को फांसी दी जाएगी. लेकिन अंग्रेजों को डर था कि पांडे का फूंका बिगुल जल्द ही आग की तरह पूरे हिंदुस्तान में फैल जाएगा.

फिर अंग्रेजी हुकूमत ने फैसला किया कि18 अप्रैल की जगह उन्हें 8 अप्रैल को फांसी दी जाएगी, और उन्हें तारीख से 10 दिन पहले चुपके से फंदे से लटका दिया. इसके बाद अग्रेजों ने कई बार गांव वालों को परेशान किया ताकि सभी यहां से कहीं और जाकर बस जाएं.

अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति की शुरुआत करने वाले मंगल पांडे की जिंदगी पर आधारित बॉलीवुड में 'मंगल पांडे: द राइजिंग' नाम से फिल्म बनी है, जिसमें आमिर खान ने मंगल पांडे का किरदार निभाया था.

देश को अंग्रेजी हुकूमत से सबसे पहले आजाद कराने के लिए अंग्रेजी फौज के साथ विद्रोह करने वाले शहीद मंगल पांडेय का जन्म बलिया के नगवां में हुआ था.

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