जानें कौन थीं ‘मालवा की मीरा’? 90 साल की उम्र में हो गया निधन
krishna pandey
May 16, 2024
मालती जोशी का निधन
जानी-मानी कथाकार पद्मश्री मालती जोशी का 90 साल की उम्र में निधन हो गया. मालती जोशी को मालवा की मीरा कहा जाता था. उनका जन्म महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 04 जून 1934 को हुआ था और वह लगभग 90 वर्ष की थीं.
पद्मश्री पुरस्कार
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित लेखिका और प्रसिद्ध कथाकार मालती जोशी (Malti Joshi) ने 50 से ज्यादा हिन्दी और मराठी कथा संग्रह लिखे हैं. वहीं पद्मश्री कथाकार मालती जोशी हिंदी की सबसे लोकप्रिय कथाकारों में से एक मानी जाती हैं. 2018 में साहित्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
बेटे के घर में आखिरी सांस
एक पारिवारिक मित्र ने बताया कि मालती जोशी ने अपने बेटे और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी के दिल्ली स्थित आवास पर अंतिम सांस ली.
कैंसर से बीमार
पिछले कुछ समय से वे कैंसर से पीड़त थीं. मालती जोशी का अंतिम संस्कार गुरुवार को दिल्ली के लोधी रोड शव दाह गृह में होगा.
मालवा की मीरा
लेखन के शुरुआती दौर में मालती जोशी (Malti joshi) कविताएं लिखा करती थीं. उनकी कविताओं से प्रभावित होकर उन्हें मालवा की मीरा नाम से भी संबोधित किया जाता था. मालती जोशी के पुत्र सच्चिदानंद जोशी बताते हैं कि उन्हें इंदौर से खास लगाव था.
इंदौर में बीता बचपन
मालती अक्सर कहती थीं कि इंदौर जाकर मुझे सुकून मिलता है, क्योंकि वहां मेरा बचपन बीता, लेखन की शुरुआत वहीं से हुई और रिश्तेदारों के साथ ही उनके सहपाठी भी वहीं हैं. यह शहर उनकी रग-रग में बसा था.
60 से अधिक किताबें लिखीं
मालती जोशी ने केवल कविताएं या कहानियां ही नहीं बल्कि उपन्यास और आत्म संस्मरण भी लिखे हैं. मालती जोशी खुद अपनी आत्म कथा में बचपन के दिनों को याद करते हुए लिखा है, ‘मुझमें तब कविता के अंकुर फूटने लगे थे. कॉलेज के जमाने में इतने गीत लिखे कि लोगों ने मुझे ‘मालव की मीरा’ की उपाधि दे डाली.’