कितना होता है आत्मा का वजन? सन 1907 में हुआ था एक्सपेरिमेंट
Alkesh Kushwaha
Mar 25, 2024
डॉक्टर डंकन मैकडॉगल
1907 में मैसाचुसेट्स के एक डॉक्टर डंकन मैकडॉगल ने कुछ अनोखे प्रयोग किए.
इंसान की आत्मा का वजन
उन्हें ये जानने में बहुत दिलचस्पी थी कि क्या इंसान की आत्मा का वजन नापा जा सकता है. इस विचार से उन्होंने एक खास बिस्तर बनाया जिसमें वजन को बहुत बारीकी से मापने वाला यंत्र लगा था.
मापने वाला यंत्र
फिर वो मरने वाले मरीजों को ये यकीन दिलाते थे कि अपने आखिरी समय में वो इस बिस्तर पर लेट जाएं. ऐसा इसलिए किया गया ताकि ये पता लगाया जा सके कि मौत के वक्त वजन में कोई बदलाव होता है या नहीं.
डॉक्टर ने किया सर्वे
डॉक्टर मैकडॉगल ने ना सिर्फ हर मरीज की मौत का सही समय लिखा, बल्कि ये भी लिखा कि वो उस बिस्तर पर कितनी देर लेटे रहे.
मौत के वक्त का वजन
सबसे अहम ये था कि वो ये जानना चाहते थे कि क्या मौत के वक्त वजन में किसी तरह का उतार-चढ़ाव होता है.
वजन में बदलाव
डॉक्टर मैकडॉगल ने वजन में होने वाले बदलावों की हर वजह को समझने की कोशिश की, जैसे शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ (पसीना और पेशाब) और गैस (ऑक्सीजन और नाइट्रोजन).
21 ग्राम कम होने का अंदेशा
गौर करने वाली बात ये है कि उन्होंने पाया कि आत्मा का वजन करीब 21 ग्राम होता है.
वैज्ञानिक भी हैरान
आज के ज़माने के वैज्ञानिक तरीकों से देखें तो डॉक्टर मैकडॉगल के प्रयोगों पर बहुत सवाल उठाए जा सकते हैं.
1907 की स्टडी
उनकी स्टडी के नतीजे मार्च 1907 में न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे थे.