इश्क खता है तो इसे एक बार नहीं सौ बार करो... प्यार करने वाले जरूर पढ़ें राहत इंदौरी के ये शेर

फूलों की दुकान खोले खुशबू का व्यापार करो, इश्क खता है तो इसे एक बार नहीं सौ बार करो

यूं तो हर फूल पर लिखा है की तोड़ो मत, दिल मचाता है तो कहता है छोड़ो मत

क्या खरीदोगे ये बाजार बहुत महंगा है, प्यार की जिद ना करो, प्यार बहुत महंगा है

ये हदसा तो किसी दिन गूजरने वाला था, मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था

मैं आखिर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता, यह हर एक मौसम को गुजर जाने की जल्दी थी

मेरे हुजरे में नहीं और कहीं पर रख दो, आसमा लाए हो ले आओ ज़मी पर रख दो

अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको, यहां पर ढूंढ रहे हैं जहां नहीं हूं,

चांद एक टूटा हुआ टुकड़ा मेरे जाम का है, और मेरा कौल नहीं हजरत ए खय्याम का है

Disclaimer

यहां दी गई शायरी राहत इंदौरी द्वारा रचित हैं. Zee Bharat ने इसे इंटरनेट से लिया है.