Aaj Ka Panchang: शनिवार को शनिदेव को ऐसे करें प्रसन्न, पंचाग में जानिए आज का शुभ मुहूर्त

Aaj Ka Panchang: आज शनिवार है. आज के दिन शनिदेव की पूजा का विधान है. आज शनिदेव की प्रतिमा पर तेल चढ़ाना चाहिए. मनुष्य के अच्छे-बुरे कर्मों का फल देना शनिदेव का काम है. मान्यता है कि जिसकी कुंडली में शनिदेव प्रतिकूल स्थान पर बैठे हों, उसे जीवन भर किसी न किसी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 13, 2022, 06:42 AM IST
  • शनिवार को शुभ मानी गई है शनि पूजा
  • सत्य को अपनाने की प्रेरणा देते हैं शनिदेव
Aaj Ka Panchang: शनिवार को शनिदेव को ऐसे करें प्रसन्न, पंचाग में जानिए आज का शुभ मुहूर्त

नई दिल्लीः Aaj Ka Panchang: आज शनिवार है. आज के दिन शनिदेव की पूजा का विधान है. आज शनिदेव की प्रतिमा पर तेल चढ़ाना चाहिए. मनुष्य के अच्छे-बुरे कर्मों का फल देना शनिदेव का काम है. मान्यता है कि जिसकी कुंडली में शनिदेव प्रतिकूल स्थान पर बैठे हों, उसे जीवन भर किसी न किसी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

सत्य और कर्म को अपनाने की प्रेरणा देते हैं शनिदेव
हिंदू धर्म में दण्डाधिकारी माने गए शनिदेव का चरित्र भी असल में, कर्म और सत्य को जीवन में अपनाने की ही प्रेरणा देता है. अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो कुछ बिलकुल सरल और उत्तम उपाय हैं! साथ ही ज्योतिष व तंत्र शास्त्र में भी शनिदेव को प्रसन्न करने के कई उपाय बताए गए हैं उनमें से कुछ प्राचीन उपाय आज भी बहुत कारगर हैं.

तुला राशि शनि की उच्च राशि है
शनि ग्रह को आयु, दुख, रोग, पीड़ा, विज्ञान, तकनीकी, लोहा, खनिज तेल, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता है. यह मकर और कुंभ राशि का स्वामी होता है. तुला राशि शनि की उच्च राशि है, जबकि मेष इसकी नीच राशि मानी जाती है.

शनिवार को शुभ मानी गई है शनि पूजा
शनिवार का व्रत और शनिदेव पूजन किसी भी शनिवार के दिन शुरू कर सकते हैं. इस व्रत का पालन करने वाले को शनिवार के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनिदेव की पूजा करनी चाहिए. शुभ संकल्पों को अपनाने के लिए ही शनिवार को शनि पूजा व उपासना बहुत ही शुभ मानी गई है.

शनि का गोचर एक राशि में ढाई वर्ष तक रहता है. ज्योतिषीय भाषा में इसे शनि ढैय्या कहते हैं. नौ ग्रहों में शनि की गति सबसे मंद है. शनि की दशा साढ़े सात वर्ष की होती है, जिसे शनि की साढ़े साती कहा जाता है. इसके अलावा शनि पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी होता है.

शनि पूजा से दुख, असफलता होती है दूर
यह भी माना जाता है कि अगर किसी मनुष्य पर शनि की कृपा हो गई तो समझों वह मनुष्य रातों रात फकीर से राजा बन जाता है. पुराणों में शनि देव को खुश करने वाले कई उपायों का वर्णन किया गया है. शनिवार को शनि उपासना करने से दुख, कलह, असफलता दूर होती है.

आज का पंचांग
भाद्रपद - कृष्ण पक्ष- द्वितीया - शनिवार
नक्षत्र - शतभिषा नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- शोभन योग
चंद्रमा का कुंभ राशि पर संचरण

आज का शुभ मुहूर्त- 12.06 बजे से 12.57 बजे तक
राहु काल- 09.18 बजे से 10.55 बजे तक

त्योहार - भीम चण्डी विन्ध्या जयंती, प्रतिपदा क्षय के साथ इस भाद्रपद मास का आरंभ हो रहा है.

गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
एक चौकोर काले कपड़े में 220 ग्राम उड़द की दाल और 21 दाना काला तिल रखकर उसके पोटली बना लें. सायंकाल को पीपल की जड़ के पास उस पोटली पर ही एक सरसों के तेल का दीपक प्रज्जलित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें.

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