नई दिल्लीः Raksha Bandhan 2024: हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व है. इस दिन बहनें अपने भाइयों के कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुखद भविष्य की कामना करती हैं. मान्यता है कि इस त्योहार से भाई और बहन के रिश्तों में प्रेम और मजबूती बढ़ती है. इस साल रक्षाबंधन का त्योहार सोमवार 19 अगस्त को मनाया जाएगा.
राखी बांधने के लिए दोपहर का करना होगा इंतजार
अबकी बार रक्षाबंधन वाले दिन बहनों को अपने भाइयों के कलाई पर राखी बांधने के लिए दोपहर तक का इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि इस दिन दोपहर तक भद्रा काल चलेगा. शास्त्रों की मानें, तो भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर भद्रा काल क्या होता है और इस दौरान राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए.
अपशकुन वाला समय होता है भद्रा काल
शास्त्रों की मानें, तो भद्रा काल एक विशेष अवधि को कहा जाता है. भारतीय पंचांग के अनुसार इस समय को अपशकुन वाला समय माना जाता है. इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य को करने की मनाही होती है. भद्रा काल में राखी बांधने से विशेष अशुभ परिणामों की आशंका होती है. इसी वजह से भद्रा काल में राखी बांधने की मनाही होती है.
शनि देव की बहन हैं भद्रा
पौराणिक कथाओं की मानें, तो भद्रा आधुनिक युग में न्याय के देवता शनि देव की बहन हैं. शास्त्रों में देवी भद्रा का स्वभाव विनाशकारी माना गया है. इसी वजह से भद्रा काल में किसी भी तरह के शुभ कार्य को करने की मनाही होती है. इस बार रक्षाबंधन पर दोपहर डेढ़ बजे तक भद्रा का साया रहेगा. इसलिए इस दौरान राखी बांधने की मनाही है. रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.
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