कन्याकुमारी में PM के 'ध्यान' का मुद्दा गर्माया, कांग्रेस ने कहा-आचार संहिता उल्लंघन, BJP का पलटवार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव प्रचार के बाद कन्याकुमारी में ध्यान का कार्यक्रम है. लेकिन यह बात कांग्रेस को रास नहीं आई है. तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 29, 2024, 06:46 PM IST
  • बीजेपी कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप.
  • कन्याकुमारी में ध्यान करने वाले हैं PM.
कन्याकुमारी में PM के 'ध्यान' का मुद्दा गर्माया, कांग्रेस ने कहा-आचार संहिता उल्लंघन, BJP का पलटवार

पटना. केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने सनातन धर्म के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर फिर निशाना साधा है. दरअसल कन्याकुमारी में पीएम मोदी के ध्यान करने पर कांग्रेस ने एतराज जताया है. तमिलनाडु के कांग्रेस चीफ सेल्वापेरुन्थगई ने कहा है कि चुनाव आचार संहिता लागू है, ऐसे में प्रधानमंत्री को इस तरह की गतिविधि करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. उन्होंने इसे लेकर चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखने की बात भी कही है.

बीजेपी ने किया पलटवार
इस मुद्दे पर अब बीजेपी प्रवक्ता सुमित शशांक ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा- ये ऐसे लोग हैं जो मदरसा छाप तंत्र को आगे बढ़ाने की बात करते हैं. सनातन धर्म को मानने वाला व्यक्ति अगर धर्मो रक्षत रक्षिते भाव से पूजा पाठ करता है तो इन लोगों के सीने पर सांप लोट जाता है. देश के प्रधानमंत्री अगर ध्यान कर रहे हैं और सनातन के मान को आगे बढ़ा रहे हैं, धर्मो रक्षत रक्षिते भाव से आगे चल रहे हैं, सबके सम्मान के लिए काम कर रहे हैं तो ऐसे लोगों के सीने पर सांप लोटता है.

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा-पूरा देश जानता है कि ऐसे लोगों ने ओबीसी, एससी-एसटी का आरक्षण छीन कर मुसलमानों को दिया था. हरी टोपी पहनने वाले और खास कर हरे रंग की पूंछ लगाकर घूमने वाले ये तमिलनाडु कांग्रेस के मुखिया सनातन को नीचा दिखाने, हिंदुओं को अपमानित करने का काम कर रहे हैं. ये लोग चाहे कितनी भी नाक रगड़ लें, देश की जनता उनके चेहरे पर राजनीतिक अलकतरा पोतने का काम करेगी.

कहां ध्यान-साधना करेंगे पीएम मोदी?
बता दें पीएम मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान करेंगे. यही वह जगह है जहां पर स्वामी विवेकानंद ने भी ध्यान किया था. कन्याकुमारी वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद को भारत माता के दर्शन हुए थे. लोगों का मानना है कि जैसे सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, वैसे ही यह चट्टान स्वामी विवेकानंद के जीवन में भी वैसा ही खास स्थान रखता है. विवेकानंद ने यहां तीन दिनों तक ध्यान किया और 'विकसित भारत' का सपना देखा था.

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