नई दिल्लीः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घोर विरोधी रहे लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को कहा कि राष्ट्र हित में एक बडे लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए लगातार तीसरा कार्यकाल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वह जदयू अध्यक्ष के साथ आए हैं. अपने पिता की विरासत को हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया.
उन्होंने रिश्तों में आयी दरार के लिए उनकी ‘‘व्यक्तिगत’’ महत्वाकांक्षाओं को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि बेगानों की तरह उनके व्यवहार ने उन्हें स्तब्ध कर दिया है. चिराग ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार के दौरान उन अफवाहों को खारिज कर दिया कि भाजपा के साथ चुनाव लड़ने से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद)के साथ जाने वाले थे. हालांकि, स्वीकार किया कि अलग-अलग राजनीतिक लक्ष्य होने के बावजूद उनके लालू प्रसाद और उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव से बेहतर संबंध रहे हैं.
कहा- मोदी को तीसरा बार जिताना जरूरी
उन्होंने कहा, ‘राजनीति के एक छात्र के रूप में, मैंने जो पहला सबक सीखा है, वह है राष्ट्रीय हित को किसी की पार्टी या स्वयं के हितों से ऊपर रखना. मेरा मानना है कि राष्ट्रीय हित में मेरे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का तीसरी बार जीतना जरूरी है. उनके प्रधानमंत्री बनने के लिए हमें गठबंधन के हितों को साधना जरूरी है. चिराग ने कहा, गठबंधन में रहते हुए आपसी मतभेदों में उलझना एक बडी चूक होगी और इसका लाभ विपक्ष को होगा. हम में इतनी परिपक्वता है और मुख्यमंत्री जी को भी यह एहसास है कि हम विपक्ष को राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के भीतर के किसी भी अंदरूनी कलह को भुनाने का मौका नहीं दे सकते.
कहा- बिहार की सभी सीटें जीतेंगे
जमुई से दो बार के सांसद और इसबार अपने दिवंगत पिता के चुनावी क्षेत्र हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे पासवान ने कहा, ‘‘मुझ पर भरोसा जताने के लिए मैं प्रधानमंत्री और राज्य में राजग के सभी सहयोगियों का आभारी हूं. मेरी पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राजग पूरे देश में 400 से अधिक और बिहार की सभी 40 सीटें जीते.’’
राजग में सीट बंटवारे के तहत चिराग की पार्टी को पांच सीट दिए जाने से नाराज हाजीपुर के मौजूदा सांसद पारस ने हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. चिराग 2021 के विभाजन से पहले लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. उनके चाचा पारस ने दावा किया था कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में अपने बल पर अकेले चुनाव लड़ने का चिराग का फैसला गलत था.
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