J&K Assembly Elections Result: जम्मू-कश्मीर में AAP का कमाल, इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को हराया

Doda J&K Vidhan Sabha chunav 2024 Constituency Wise: मेहराज मलिक ने भाजपा के उम्मीदवार को हराया. मेहराज मलिक भाजपा उम्मीदवार गजय सिंह राणा, जो दूसरे स्थान पर थे, उनसे कई हजार वोटों से आगे चल रहे थे.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Oct 8, 2024, 02:40 PM IST
  • जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी का खाता खुला
  • आप उम्मीदवार मेहराज मलिक ने जीत हासिल की
J&K Assembly Elections Result: जम्मू-कश्मीर में AAP का कमाल, इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को हराया

AAP Candidate Mehraj Malik Doda J&K Assembly Election Results 2024: जम्मू-कश्मीर में आम आदमी पार्टी (AAP) का भी खाता खुल गया है. डोडा विधानसभा क्षेत्र से आप पार्टी ने जीत हासिल की है. आप उम्मीदवार मेहराज मलिक ने जीत हासिल की है. मेहराज मलिक ने भाजपा के उम्मीदवार को हराया. मेहराज मलिक भाजपा उम्मीदवार गजय सिंह राणा, जो दूसरे स्थान पर थे, उनसे कई हजार वोटों से आगे चल रहे थे.

AAP पार्टी उम्मीदवार मेहराज मलिक ने भाजपा उम्मीदवार गजय सिंह राणा को 4770 मतों के अंतर से हरा दिया है.

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार दोपहर 1.30 बजे आप उम्मीदवार भाजपा के गजय सिंह राणा से 4,558 वोटों से आगे थे और नेशनल कॉन्फ्रेंस के खालिद नजीब सुहरावर्दी से 10,000 वोटों से आगे थे. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, मतगणना के 13 में से 12 चरण पूरे हो चुके हैं.

आप के लिए एक बड़ी उपलब्धि
इस जीत को आप के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है. अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली आप ने दिल्ली, पंजाब और गुजरात के बाद राष्ट्रीय स्तर पर अपनी और मजूबत मौजूदगी दर्ज कराई है. इससे पार्टी को झारखंड और महाराष्ट्र में होने वाले आगामी चुनावों में अपनी किस्मत आजमाने का मौका मिलेगा. हालांकि. हरियाणा चुनावों में आप को कोई फायदा पहुंचता नजर नहीं आ रहा है.

2014 में कौन जीता था?
2014 के चुनाव में डोडा सीट भाजपा के शक्ति राज ने जीती थी, लेकिन 1962 के पहले चुनाव के बाद से यह सीट पारंपरिक रूप से नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच बदलती रही है.

जम्मू-कश्मीर में आप की सफलता कई लोगों के लिए चौंकाने वाली है, खासकर तब जब पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के गृह राज्य हरियाणा में उसे मुंह की खानी पड़ी. अगर हरियाणा का रुझान जारी रहता है तो यह केजरीवाल के लिए बड़ा झटका होगा, खासकर तब जब दिल्ली चुनाव में सिर्फ चार महीने बाकी हैं.

 

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