नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी पर बुधवार शाम जमकर निशाना साधा है. उन्होंने सपा को घोर दलित विरोधी करार देते हुए कहा है कि बसपा के भीतर चल रहे घटनाक्रम की उन्हें (सपा को) चिंता करने की जरूरत नहीं है. मायावती ने कहा है-बीएसपी संगठन में क्या कुछ चल रहा है इस पर घोर दलित-विरोधी सपा अगर कोई टिप्पणी व चिन्ता नहीं करे तो बेहतर. इसके बदले सपा नेतृत्व को चुनाव में उतारे गए उनके अपने परिवार व उनके यादव समाज के प्रत्याशियों का क्या हाल है इसकी केवल चिन्ता करें क्योंकि उन सब का हाल बेहाल है.
इसके आगे मायावती ने लिखा-सपा का चाल, चरित्र व चेहरा, हमेशा की तरह आज भी, जबरदस्त दलित, अति-पिछड़ा व संविधान में इनको दिए गए आरक्षण आदि के अधिकारों की विरोधी पार्टी का है. प्रमोशन में आरक्षण को खत्म करना तथा इस सम्बंध में बिल को संसद में फाड़ना आदि इनके ऐसे कार्य हैं जिसे माफ करना मुश्किल. साथ ही, बीएसपी सरकार द्वारा बहुजन समाज में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में उनके नाम पर यूपी में बनाए गए जिलों, पार्कों, विश्वविद्यालयों आदि के नाम को जातिवादी सोच के कारण बदलना सपा सरकार के ऐसे कृत्य हैं जो इतिहास में काले कारनामे के रूप में दर्ज हैं.
मायावती ने एक दिन पहले उठाया बड़ा कदम
दरअसल मायावती ने एक दिन पहले अपने फैसले से सभी को चौंकाया है. उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को बहुजन समाज पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया था. साथ ही मायवती ने परिपक्वता का हवाला देते हुए यह भी कहा था कि अभी आकाश आनंद उनके उत्तराधिकारी भी नहीं होंगे. दरअसल बीते कुछ दिनों में चुनाव प्रचार के दौरान आकाश आनंद ने कई विवादित बयान दिए हैं. एक जगह तो उनपर एफआईर भी दर्ज हो चुकी है.
अखिलेश यादव ने किया लंबा पोस्ट- अपील की, वोट खराब न करें
इस बीच सपा में हुए बड़े बदलाव पर बुधवार को यूपी के पूर्व सीएम और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी एक लंबा सोशल मीडिया पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने लिखा था- बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी क़दम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है. दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं. इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है. इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाज़ी बसपा के हाथ से निकल चुकी है.
इसके आगे अखिलेश ने लिखा- सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है. ऐसे में हम सभी वोटरों से अपील करते हैं कि आप अपना वोट ख़राब न करें और जो बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर जी के संविधान को बचाने के लिए सामने से लड़ रहे हैं, इंडिया गठबंधन के उन प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएं और संविधान के संग, आरक्षण भी बचाएं. इसीलिए आग्रह है कि संविधान, आरक्षण और अपना मान-सम्मान बचाना है तो अपना वोट सपा को दें या जहां इंडिया गठबंधन का प्रत्याशी हो वहाँ डालकर संविधान और आरक्षण विरोधी भाजपा को हराएं.
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