राजस्थान में भाजपा कई दिग्गजों को चुनाव लड़वा सकती है. इनमें सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ का नाम भी शामिल है.
सतीश पूनिया भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. इसके बाद उन्हें उप नेता प्रतिपक्ष भी बनाया गया. लेकिन इस बार वो आमेर सीट से चुनाव हार गए. इसके बाद उन्होंने एक भावुक पोस्ट भी लिखी जिसमें उन्होंने राजनीति से थोड़ा दूरी बनाने और परिवार को समय देने की बात लिखी थी. हालांकि, बाद में उन्होंने इससे इनकार कर दिया. अब चर्चा है कि उन्हें उनके गृह जिले चुरू से लोकसभा की टिकट मिल सकती है.
राजेंद्र राठौड़ वसुंधरा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं. विपक्ष में रहते हुए वो नेता प्रतिपक्ष के पद पर भी रहे. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में वो तारानगर में हार गए. कांग्रेस के नरेंद्र बुडानिया ने उन्हें चुनाव हराया. राठौड़ राजस्थान में भाजपा के दिग्गज नेता माने जाते हैं. कयास हैं कि भाजपा अपने हारे हुए सिपाही को इस बार जयपुर ग्रामीण से लोकसभा का टिकट दे सकती है.
किरोड़ी लाल मीणा राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं. वो सीएम रेस में भी थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया. किरोड़ी लाल मीणा समाज के बड़े नेता माने जाते हैं. उनकी वजह से इस बार के विधानसभा चुनाव में मीणा समाज ने भाजपा को खूब वोट दिया है. लेकिन किरोड़ी को अहम मंत्रालय न मिलने से मीणा समाज नाराज माना जा रहा है. लिहाजा, पार्टी उन्हें फिर से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. वो दौसा से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं.
कैलाश चौहरी केंद्र में मंत्री हैं. इस बार सीएम रेस में भी उनका नाम था. लेकिन बाजी भजनलाल शर्मा के हाथ लगी. कैलाश बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं. वो 2019 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह को 3.23 लाख वोट से हराया. कैलाश फिर से बाड़मेर से चुनाव लड़ सकते हैं.
गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्र में जलशक्ति मंत्री हैं. वो गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. 2014 और 2019 में वो लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. 2019 में उन्होंने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव को चुनाव हराया था. गजेंद्र एक बार फिर जोधपुर लोकसभा सीट से उतारे जा सकते हैं.
बाबा बालकनाथ राजस्थान में भाजपा के फायरब्रांड नेता माने जाते हैं. वो तिजारा से विधानसभा चुनाव जीते हैं. पहले ऐसे कयास थे कि पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री बना सकती है. फिर कहा गया कि वो मंत्री बन सकते हैं. लेकिन उन्हें सरकार में पद नहीं मिला. अब चर्चा है कि भाजपा उन्हें फिर से अलवर से लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है. वो पहले भी अलवर से सांसद रह चुके हैं.