पुणे. लोकसभा चुनाव में दो चरण की वोटिंग संपन्न हो चुकी है और पक्ष-विपक्ष में आरोपों का दौर और तेज हो गया है. इसी क्रम में सोमवार को महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए 45 साल पहले महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता के युग की शुरुआत के लिए ‘भटकती आत्माओं’ को दोषी ठहराया. पीएम मोदी ने पवार का नाम नहीं लिया लेकिन यह साफ था कि उनका संदर्भ 1978 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल के खिलाफ मराठा राजनेता के विद्रोह से था.
1978 के वाकये का जिक्र
दरअसल उस वक्त शरद पवार ने 40 विधायकों के समर्थन के साथ पाटिल के नेतृत्व वाली सरकार गिरा दी थी और 18 जुलाई, 1978 को 38 साल की उम्र में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. पीएम मोदी ने सोमवार को कहा-45 साल पहले कुछ भटकती आत्माओं ने महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू किया था. एक बड़े नेता ने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए यह खेल शुरू किया.
शरद पवार ने भी साधा निशाना
इस बीच शरद पवार ने कहा है कि पूरे देश में बदलाव की हवा चल रही है. अपनी खामियों के कारण बीजेपी के प्रति अब लोगों की धारणा बदल गई है. पवार ने कहा कि उन्होंने पिछले कुछ हफ्तों में पूरे महाराष्ट्र में प्रचार करते हुए हजारों लोगों से बातचीत की और बदलाव की उनकी इच्छा को महसूस किया.
शरद पवार ने कहा-जनता, किसान, श्रमिक, युवा और महिलाएं सरकार की कार्यशैली से परेशान हैं. बीजेपी को 10 साल तक देश पर शासन करने का अवसर मिला, लेकिन उन्होंने जनता को निराश किया. विभिन्न क्षेत्रों में संकट के अलावा बी.आर. अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान पर भी खतरा मंडराने लगा है. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा नहीं मानते हैं। वे अपने भाषणों में जवाहरलाल नेहरू, अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों और हमारी भी आलोचना करते रहते हैं. प्रधानमंत्री को हम (विपक्ष) को निशाना बनाए बिना रात में नींद नहीं आती है. उन्हें काम के माध्यम से अपने पद की गरिमा बरकरार रखनी चाहिए.
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