नई दिल्ली: टीचर्स डे (Teachers Day) पर सभी अपने फेवरेट टीचर को ये बताना कभी नहीं भूलते कि वो उनकी लाइफ में कितने स्पेशल हैं. स्कूल और कॉलेज की सबसे फन मेमोरीज वो होती हैं जब हम अपने टीचर्स की पंच लाइन से लेकर रिएक्शंस तक याद हो जाते हैं. किसी को इंग्लिश टीचर का पढ़ाने का स्टाइल पसंद होता है तो किसी को स्पोर्ट्स टीचर की 'हाउज द जोश' वाली लंबी चौड़ी स्पीच. आइए कुछ ऐसे ही फनी कैरेक्टर्स को बॉलीवुड में खोजते हैं जो आपकी रिएल लाइफ में आपने जरूर देखे होंगे.
'मैं हूं ना', केमिस्ट्री टीचर
'मैं हूं ना' के कॉलेज में जब मिस चांदनी आती हैं तो क्लास का माहौल ही बदल जाता है. वो अपने सब्जेक्ट में जितनी अच्छी हैं उससे कहीं ज्यादा अच्छी है उनकी ड्रेसिंग सेंस. कई स्टूडेंट्स तो सिर्फ उन्हें निहारने के लिए क्लास में आते हैं. मिस चांदनी थोड़ी स्ट्रिक्ट हैं और स्टूडेंट्स की पढ़ाई को लेकर सीरियस भी. अकसर स्टूडेंट्स अपनी गुड लुकिंग टीचर की क्लास अटेंड करना कभी नहीं भूलते हैं.
'चक दे इंडिया', हॉकी कोच
'चक दे इंडिया' में कबीर खान पूर्व इंडियन हॉकी टीम के कैप्टन होते हैं. लाइफ में जीतना ही सब है और बेहतर खेलना. वो जानते हैं कि उनके स्टूडेंट्स में खास क्या है और कैसे उनकी क्वालिटीज का इस्तेमाल कर टीम बनाई जा सकती है. वो स्ट्रिक्ट हैं, अकड़ू हैं, खड़ूस हैं और बेहद गुस्से वाले लेकिन इन सब चीजों से ऊपर वो एक बेहतरीन कोच हैं. उन्होंने न केवल टीम को जोड़ कर रखा बल्कि सभी प्लेयर्स को बतौर इंसान जिंदगी जीना भी सिखाया.
'मोहब्बतें', परंपरा! प्रतिष्ठा! अनुशासन!
ये फिल्म हमें हमारी लाइफ के दो सबसे स्ट्रांग टीचर्स से मिलाती हैं. एक हैं स्कूल के हेडमास्टर जिनके लिए अनुशासन ही सब है और जिन्हें देख कर अच्छे अच्छों की पैंट गीली हो जाए. वहीं उनके अपॉजिट गुरुकुल का माहौल लाइट करने आते हैं एक म्यूजिक टीचर. जो अपने अपने बॉस से भिड़ कर अपने स्टूडेंट्स के लिए लड़ते हैं. राज आर्यन बने शाहरुख खान हेडमास्टर बने अमिताभ बच्चन की पुरानी सोच को बदलने की कोशिश करते हैं. स्टूडेंट्स की लाइफ में थोड़े फन मोमेंट ऐड करते हैं.
'3 इडियट्स', 'रिमेंबर लाइफ इज अ रेस'
आपको '3 इडियट्स' की वो लंबी चौड़ी स्पीच तो याद होगी ही जिसमें इंजीनियरिंग के एंट्रेस को कोयल के अंडों से कंपेयर किया जाता है. फिल्म में बमन ईरानी ने एक ऐसे खौफनाक टीचर को दिखाया था जिसकी क्लासेज अटेंड करना किसी डरावने सपने से कम नहीं होता. जो परफेक्शन, मार्क्स, रैंक इन्हीं सबको लाइफ से ज्यादा जरूरी मानते हैं. खैर ऐसे टीचर्स भी लाइफ में होना जरूरी हैं.
'तारे जमीन पर', आर्ट टीचर
'तारे जमीन पर' में आमिर खान बतौर राम शंकर निकुंभ बच्चों के टैलेंट को पहचानते हैं बल्कि उनके दिमाग को समझते हुए उन्हें आगे बढ़ने में मदद करते हैं. हर कोई अपनी लाइफ में ऐसा टीचर चाहता है जो उसकी कमजोरियों को उसकी स्ट्रेंथ में बदले. शायद ऐसे टीचर की ही बदौलत कुछ लोग अपनी जिंदगी में कामयाबी पाते हैं.
चाहे 'हिचकी' हो या 'इकबाल' बॉलीवुड ने हमेशा से ही गुरुओं की इमेज को पर्दे पर एक टीचर से ज्यादा फ्रेंड की तरह दिखाया है. हर फिल्म में कहानी चाहे जो भी हो पर टीचर वही. ये हम भी जानते हैं कि नोबॉडी इज परफेक्ट. तो इस नोट सो परफेक्ट दुनिया में अपने गुरुओं को जरूर बताइए कि आपने उनसे क्या सीखा है.
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