नई दिल्ली: अमेजॉन प्राइम पर रिलीज की गई 'मजा मा' की कहानी पल्लवी के ईर्द-गिर्द घूमती है जो कि एक होम मेकर होने के साथ-साथ कमाल की डांसर भी है. पल्लवी को सब चाहते हैं. वो इतनी परफेक्ट है कि अपने बेटे तेजस पटेल के लिए वो देवी है. वो मनोहर पटेल के लिए परफेक्ट पत्नी भी हैं. LGBTQ की कमान संभाल रहीं तारा पटेल की सपोर्टिव मदर हैं.
कहानी में मजा
फिल्म में एक सीन है जिसमें तेजस की फैमिली उनकी शादी उसकी गर्लफ्रेंड ईशा से करवाने के लिए उसके विदेश में रह रहे पैरेंट्स से मिलते हैं. ईशा के माता-पिता भले ही यूएस में रह रहे हों लेकिन वो भारत से जुड़ने में काफी प्राउड फील करते हैं. वो महिलाओं को पीरियड्स में अछूत की तरह ट्रीट करते हैं और अपनी बेटी के लिए वर्जिन लड़के की तलाश में है.
पल्लवी का राज
कहानी में सब ठीक चल रहा होता है कि तभी पिटारे में से पल्लवी का एक सच बाहर आ जाता है. फिर क्या पल्लवी अपनी लड़ाई खुद लड़ते दिखाई देती है. फिल्म के सस्पेंस को तोड़ फिल्म की इकलौती ठीक-ठाक चीज को रिवील नहीं किया जा सकता. फिल्म के डायरेक्टर आनंद तिवारी और लेखक सुमित ने छोटे शहरों की बड़ी प्रॉबल्म को दिखाने की कोशिश की है.
माधुरी को देख धड़केगा दिल
माधुरी दीक्षित ने कई सीन्स में अपने एक्सप्रेशंस से ही सिचुएशन को बांधे रखा लेकिन ये कहना होगा की सिमोन सिंह ने अपनी छोटी सी अपीयरेंस में कमाल कर दिखाया है. गजराज ने अपने टेढ़े मेढ़े कैरेक्टर को भी काफी सहजता के साथ दिखाया है. फिल्म में लेस्बियन होने के मुद्दे को काफी अच्छे से दिखाया है.
फिर भी फिल्म को अपने रिस्क पर ही देखें 2022 में इस तरह की कहानी देखना माथा पीटने जैसा ही होगा. कुल मिलाकर आपको फर्स्ट हाफ में जबरदस्ती खुद को बांध कर रखना पड़ेगा. अपनी पिछली फिल्मों की अपेक्षा आनंद तिवारी की ये फिल्म काफी कमजोर है.
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