मुंबई. महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा NCP मोदी सरकार में कैबिनेट बर्थ के लिए लगातार जोर डाल रही है. भारतीय जनता पार्टी के साथ उसकी चर्चा इसे लेकर जारी है. हालांकि इन चर्चाओं के बीच 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत उनकी कैबिनेट के 71 मंत्रियों ने दिल्ली में शपथ ले ली है. इस बीच एनसीपी ने साफ किया कि कैबिनेट सीट 'कंफर्म' करने के लिए बातचीत तो हो रही है लेकिन इसे लेकर गठबंधन के में कोई विवाद नहीं है.
क्या बोले सुनील तटकरे
महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे ने संबंध में सफाई दी है. दरअसल बीजेपी की तरफ से एनसीपी को मोदी सरकार 3.0 में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का एक पद दिया गया था. एनसीपी की तरफ से केंद्र सरकार में मंत्री पद के दावेदार प्रफुल्ल पटेल हैं जो पहले यूपीए सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. ऐसी स्थिति में एनसीपी की तरफ से कहा गया कि उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का पद ही चाहिए और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का ऑफर ठुकरा दिया गया.
'डिमोशन' के रूप में देखा जा रहा है मंत्री पद
दरअसल प्रफुल्ल पटेल की तरफ से राज्य मंत्री के पद को 'डिमोशन' के रूप में देखा जा रहा है. तटकरे ने कहा है-बीजेपी ने प्रफुल्ल पटेल को राज्य मंत्री का पद ऑफर किया था. इसे हम लोग स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि वो इससे बड़ी पोजीशन पर पहले ही रह चुके हैं. लेकिन अब अन्य विकल्पों पर तलाश जारी है. इसमें तीन राज्यसभा सीटें शामिल हैं. एक प्रफुल्ल पटेल द्वारा छोड़ी गई है और एक अन्य. इससे केंद्रीय स्तर पर हमारी स्थिति मजबूत होगी.
फडणवीस और तावड़े ने की मुलाकात
इससे पहले बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और विनोद तावड़े ने प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात की है. कहा जा रहा था कि प्रफुल्ल पटेल केंद्र सरकार में इस 'डिमोशन' ने नाराज हैं. एनसीपी के दो सदस्य इस वक्त संसद दोनों सदनों में हैं. राज्यसभा में प्रफुल्ल पटेल और लोकसभा में सुनील तटकरे. एनसीपी राज्यसभा में अपनी संख्या बढ़ाने को लेकर दबाव बना सकती है.
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