SC से झटके लगे तो ED ने बदली रणनीति, मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज करने को लेकर दिए ये निर्देश

पिछले कुछ हाई प्रोफाइल केसों में सुप्रीम कोर्ट से झटके लगने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज करने को लेकर अपने अधिकारियों को नए निर्देश दिए हैं. प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक राहुल नवीन ने कांग्रेस नेता और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और एक रिटायर्ड आईएएस के मामले में किरकिरी होने के बाद एजेंसी के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 23, 2024, 07:37 PM IST
  • जानिए क्या दिया गया निर्देश
  • सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था
SC से झटके लगे तो ED ने बदली रणनीति, मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज करने को लेकर दिए ये निर्देश

नई दिल्लीः पिछले कुछ हाई प्रोफाइल केसों में सुप्रीम कोर्ट से झटके लगने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज करने को लेकर अपने अधिकारियों को नए निर्देश दिए हैं. प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक राहुल नवीन ने कांग्रेस नेता और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और एक रिटायर्ड आईएएस के मामले में किरकिरी होने के बाद एजेंसी के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. 

जानिए क्या दिया गया निर्देश

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि ईडी निदेशक ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अब प्रवर्तन निदेशालय सिर्फ 'आपराधिक साजिश' को 'पूर्ववर्ती अपराध' के रूप में नहीं मानेगा, जिसके आधार पर वह केस दर्ज करता है. उसे साजिश से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपराध को भी शामिल करना चाहिए.

यहां पूर्ववर्ती अपराध का मतलब किसी अन्य एजेंसी की ओर से दर्ज प्राथमिक एफआईआर में उल्लेख की गई आपराधिक गतिविधि है, जिसके आधार पर ईडी ने केस दर्ज किया है. दरअसल पीएमएलए के तहत ईडी किसी अन्य जांच एजेंसी की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर केस दर्ज कर सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था

रिपोर्ट में ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया, 'केसों पर कड़ी मेहनत करने के बाद कोर्ट में झटका लगाने का कोई मतलब नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि आईपीसी धारा 120बी को पीएमएलए के तहत अलग अपराध के तौर पर नहीं माना जा सकता. इसलिए ये निर्देश दिए गए हैं.'

बता दें कि ईडी को सुप्रीम कोर्ट में कुछ हाई प्रोफाइल मामलों में झटका लगा था. सुप्रीम कोर्ट ने डीके शिवकुमार के खिलाफ दर्ज 2018 के कथित टैक्स चोरी के मामले में राहत देते हुए फैसला सुनाया था. इसी तरह एक कथित शराब घोटाले से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा के खिलाफ ईडी के मामले को रद्द कर दिया था. इसके बाद ईडी ने अलग केस दर्ज किया था.

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