नई दिल्लीः भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों को चुन-चुनकर मारने की तैयारी कर रही है. इसके लिए भारतीय सेना आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए सैनिकों को तैयार करेगी. रिपोर्ट्स की मानें तो सैनिकों की तैयारियों के लिए सेना घरेलू रक्षा उद्योग से बड़ी मात्रा में सैन्य सामग्री की खरीद करेगी. इनमें सुरक्षात्मक कवच, निगरानी प्रणाली और ड्रोन समेत अन्य चीजें शामिल हैं.
घरेलू निर्माताओं को मिलेगा बढ़ावा
यह खरीद लद्दाख सीमा पर चीन के साथ तनाव बढ़ने के बाद उपकरण हासिल करने के लिए अपनाई गई समान प्रक्रिया की तर्ज पर की जाएगी. इससे घरेलू निर्माताओं को काफी बढ़ावा मिलेगा. बता दें कि इसमें तेजी से चयन प्रक्रिया और एक साल के भीतर डिलीवरी की जरूरत होती है.
ऐसी खरीद के पिछले कुछ दौर में स्थानीय कंपनियां सैकड़ों करोड़ रुपये के ऑर्डर प्राप्त करने में कामयाब रही हैं, जिससे अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिला है और बैलेंस शीट को बहुत जरूरी मजबूती मिली है.
खरीद को मंजूरी दे दी गईः सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि खरीद को मंजूरी दे दी गई है क्योंकि हिंसा बढ़ने के बाद पुंछ-राजौरी इलाकों में नियमित सैनिकों की एक बड़ी तैनाती की गई है. उन्होंने हिंसा बढ़ने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और उसे 'आतंकवाद का केंद्र' बताया.
इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से कहा कि प्रत्येक खरीद की अधिकतम कीमत 300 रुपये करोड़ रखी जाएगी और 8-10 मामलों को जल्द ही प्रक्रिया पूरी किए जाने की संभावना है.
2024 में 69 आतंकियों का हुआ सफाया
रिपोर्ट्स की मानें तो 2024 में सुरक्षाबलों ने आतंकवादी विरोधी अभियानों में बड़ी सफलता पाई. पिछले साल जम्मू-कश्मीर में 69 आतंकी मार गिराए गए. इनमें 24 स्थानीय, 27 विदेश और 18 घुसपैठिये थे. आतंकियों के खिलाफ की गईं ये कार्रवाइयां जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में हुईं, जिनमें दुर्गम क्षेत्र भी शामिल हैं.
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