नई दिल्लीः महाराष्ट्र में फिर से सियासी बवंडर उठ सकता है. सूबे की राजनीति गरमाती दिख रही है. दरअसल, राज्य की सत्ता में काबिज शिंदे गुट की शिवसेना और बीजेपी के गठजोड़ के बीच दरार की खबरें सामने आ रही हैं. दोनों के बीच सब कुछ ठीक नहीं है इसके संकेत तब मिले जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने इस्तीफा देने की बात कही.
डोंबिवली में स्वार्थ की राजनीति का दिया हवाला
सांसद श्रीकांत शिंदे ने नाराजगी जताते हुए कहा कि डोंबिवली के कई नेता स्वार्थ की राजनीति के लिए बीजेपी और शिंदे गुट गठबंधन के बीच बाधाएं पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है. बीजेपी और शिवसेना का वरिष्ठ नेतृत्व जिस भी कैंडिडेट को तय करेगा, वह उसका समर्थन करेंगे.
'गठबंधन में गड़बड़ होती है तो मैं इस्तीफा देने को तैयार'
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन को बनाए रखना है. हम इस ओर काम भी कर रहे है, यदि कोई इसका विरोध करता है और कोई नाराज है, गठबंधन में गड़बड़ होती है तो वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं.
किस मामले को लेकर पैदा हुई तकरार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोंबिवली में एक महिला से छेड़छाड़ के मामले में बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष नंदू जोशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. लेकिन बीजेपी नेताओं ने इसे शिंदे गुट की साजिश बताया. वहीं इसके बाद डोंबिवली में मंत्री रविंद्र चौहान के नेतृत्व में एक बैठक हुई. इसमें बीजेपी नेताओं ने शिंदे गुट का साथ नहीं देने का निर्णय लिया.
पहले भी दोनों पार्टियों के बीच नाराजगी आई थी सामने
हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब दोनों पार्टियों के बीच तकरार देखने को मिली हो. इससे पहले डोंबिवली दिवा शहर में विकास कार्यों के भूमिपूजन और लोकार्पण के लिए सीएम एकनाथ शिंदे पहुंचे थे. शहर में शिंदे के आने से पहले बैनर और पोस्टर लगे थे. लेकिन इनमें बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के फोटो नहीं थे. बीजेपी ने इस पर नाराजगी जताई थी.
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