कच्चे तेल के दाम बढ़े तो सरकार ने डीजल और विमान ईंधन को लेकर लिया ये बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी के अनुरूप घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के साथ डीजल और विमान ईंधन (ATF) के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर में वृद्धि कर दी है. सरकार की ओर से तीन फरवरी को इस संबंध में आदेश जारी किया गया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 5, 2023, 12:14 PM IST
  • कर को 5,050 रुपये प्रति टन कर दिया गया
  • पिछली पखवाड़ा समीक्षा में दरों में हुई थी कटौती
कच्चे तेल के दाम बढ़े तो सरकार ने डीजल और विमान ईंधन को लेकर लिया ये बड़ा फैसला

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी के अनुरूप घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के साथ डीजल और विमान ईंधन (ATF) के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर में वृद्धि कर दी है. सरकार की ओर से तीन फरवरी को इस संबंध में आदेश जारी किया गया.

कर को 5,050 रुपये प्रति टन कर दिया गया
ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) जैसी कंपनियों की ओर से उत्पादित कच्चे तेल पर इस कर को 1,900 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 5,050 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. कच्चे तेल को जमीन और समुद्र के नीचे से निकाला जाता है. इसे बाद में पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन में बदला जाता है. 

चार फरवरी से प्रभाव में आ गई हैं नई दरें
सरकार ने डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर पांच रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 7.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है. एटीएफ के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर 3.5 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर छह रुपये प्रति लीटर किया गया है. नई दरें चार फरवरी से प्रभाव में आ गई हैं. 

पिछली पखवाड़ा समीक्षा में दरों में हुई थी कटौती
इस तरह घरेलू कच्चे तेल और ईंधन के निर्यात पर कर की दरें अपने निचले स्तर से ऊपर आ गई हैं. पिछले महीने कर की दरें अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थीं. पिछली पखवाड़ा समीक्षा में 17 जनवरी को कर दरों में कटौती की गई थी. उस समय वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम नीचे आए थे. 

अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगा हो रहा है कच्चा तेल
अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम फिर चढ़ने लगे हैं. भारत ने पहली बार पिछले साल एक जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था. इसके साथ ही भारत उन देशों में आ गया था, जो ऊर्जा कंपनियों के अप्रत्याशित लाभ पर कर लगाते हैं. उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था. 

घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) का अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था. पेट्रोल पर निर्यात कर को पहली ही समीक्षा में समाप्त कर दिया गया था. 

(इनपुटः भाषा)

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