कानपुर. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राज्य के एक शहर का नाम बदलने के लिए लेटर लिखा गया है. यह लेटर मर्चेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अभिषेक सिंघानिया ने लिखा है. उन्होंने कानपुर देहात जिले का नाम बदलकर ग्रेटर कानपुर करने का आग्रह किया है.
सिंघानिया ने दावा किया है कि अगर ऐसा होता है तो यह प्रदेश में शहरी विकास की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने आग्रह किया कि गंगा के तट पर स्थित होने के कारण, कानपुर का अपना समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है. कपड़ा और अन्य छोटे और मध्यम उद्योगों के कारण लंबे समय से इसे 'पूर्व का मैनचेस्टर' कहा जाता है.
शहर के इतिहास का जिक्र
सिंघानिया ने कानपुर के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा- इतिहास गवाह है कि शहर ने खुद को नए मानकों के अनुसार ढाला और इसका नाम कान्हापुर से कानपुर हो गया. शहर की स्थापना 1803 में हुई थी और 1891 में इसे दो जिलों कानपुर शहर और कानपुर देहात में विभाजित किया गया था.
देहात हटाकर ग्रेटर लगाने की अपील
बता दें कि कानपुर देहात राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 14 और 27 से जुड़ा हुआ है. देश का सबसे व्यस्त दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग भी जिले से होकर गुजरता है. यह जिला बुन्देलखंड एक्सप्रेस-वे से भी लाभांवित हुआ है. रनिया, जैनपुर, डेरापुर जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र विकास के केंद्र और संसाधन थे. इसलिए 'देहात' नाम इसके साथ न्याय नहीं करता है. वहीं ग्रेटर शब्द आधुनिकता और बेहतर बुनियादी ढांचे को दर्शाता है.
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