नई दिल्लीः नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के बाद महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी ने भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के सामूहिक उम्मीदवार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. उन्होंने राष्ट्रपति चुनावों के लिए उनकी उम्मीदवारी पर विचार करने को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं को धन्यवाद दिया.
साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आम सहमति होनी चाहिए, और भी लोग होंगे जो मुझसे कहीं बेहतर काम करेंगे. बता दें कि इससे पहले शरद पवार और एच डी देवेगौड़ा ने भी प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं दी थी.
फारूक अब्दुल्ला ने भी ठुकरा दिया था प्रस्ताव
इससे पहले जब फारूक अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस लिया था तब उन्होंने कहा था कि वह बेहद महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे जम्मू-कश्मीर का रास्ता तय करने में अपनी भूमिका निभाना चाहेंगे. उन्होंने अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनका नाम का प्रस्तावित करने को लेकर विपक्ष के नेताओं को धन्यवाद दिया था.
राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फारूक अब्दुल्ला का नाम प्रस्तावित किया था.
राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को होगा मतदान
बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए मतदान 18 जुलाई को किया जाएगा और मतगणना 21 जुलाई को होगी. राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की तारीख 15 जून से शुरू हो गई है और इसकी अंतिम तिथि 29 जून है. 30 जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 2 जुलाई तक नामांकन पत्रों को वापस लिया जा सकेगा.
अभी सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए किसी भी उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया गया है.
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