Union Budget 2023: महंगाई के चलते मध्यम वर्ग को मिल सकती है राहत, वित्त मंत्री के बयान से बढ़ी उम्मीदें

Union Budget: नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट में वित्त मंत्रालय मध्यम वर्ग को लाभ देने वाले प्रस्तावों पर विचार कर रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को लोकसभा में बजट पेश करेंगीं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 26, 2023, 04:53 PM IST
  • विशेषज्ञों की राय, वेतनभोगी मध्यम वर्ग को राहत देने की जरूरत
  • पूंजीगत लाभ कर नियमों को भी आसान कर सकती है सरकार
Union Budget 2023: महंगाई के चलते मध्यम वर्ग को मिल सकती है राहत, वित्त मंत्री के बयान से बढ़ी उम्मीदें

नई दिल्ली: नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट में वित्त मंत्रालय मध्यम वर्ग को लाभ देने वाले प्रस्तावों पर विचार कर रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2023 को लोकसभा में बजट पेश करेंगीं. सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय विभिन्न सरकारी विभागों की तरफ से भेजे गए ऐसे प्रस्तावों पर विचार कर रहा है, जिनसे मध्यम वर्ग के बड़े भाग को लाभ पहुंचे. इसकी घोषणा बजट में की जा सकती है. 

विशेषज्ञों की राय, वेतनभोगी मध्यम वर्ग को राहत देने की जरूरत

सरकार ने अभी तक आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं की है, जिसे 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उस सरकार का पहला बजट पेश करते हुए तय की थी. इसके साथ ही 2019 से मानक कटौती 50,000 रुपये बनी हुई है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई के उच्च स्तर में वेतनभोगी मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर छूटसीमा और मानक कटौती बढ़ाने की जरूरत है. 

वित्त मंत्री के हाल ही में दिए एक बयान ने मध्यम वर्ग में उम्मीद बढ़ा दी थी कि आगामी बजट में उन्हें कुछ राहत मिल सकती है. वित्त मंत्री ने कहा था कि वे इस वर्ग पर मौजूद दबाव से अवगत हैं. उन्होंने कहा था, ''मैं भी मध्यम वर्ग से हूं इसलिए मैं इस वर्ग पर दबाव को समझती हूं. मैं खुद को मध्यम वर्ग के साथ मानती हूं इसलिए मैं जानती हूं.'' सीतारमण ने कहा था, ''मैं इन समस्याओं को समझती हूं. सरकार ने उनके लिए बहुत किया है और लगातार कर रही है.'' 

पूंजीगत लाभ कर नियमों को भी आसान कर सकती है सरकार

छूट सीमा और मानक कटौती में फेरबदल करने के अलावा वित्त मंत्रालय 80सी के अंतर्गत निवेश छूट सीमा बढ़ाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहा है. इसमें जीवन बीमा, एफडी, बॉन्ड, आवासीय और पीपीएफ व अन्य सेवाएं आती हैं. फिलहाल इसके तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट है. 

सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए भुगतान पर भी विचार किया जा रहा है. सरकार निवेशकों को लाभ पहुंचाने के लिए पूंजीगत लाभ कर नियमों को भी आसान कर सकती है. इससे मध्यम वर्ग से आने वाले निवेशकों को लाभ होगा. 

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